Pitru Paksha 2024: बेटा न होने पर कौन कर सकता है श्राद्ध, जान लें कैसे मिलेगा मोक्ष?
हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का बहुत बड़ा महत्व है। यह 16 दिनों तक मनाया जाता है और लोग इस दौरान अपने पितरों के लिए विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान करते हैं। इन दिनों (Pitru Paksha 2024) पितृ तर्पण और पिंड दान करना बहुत फलदायी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही जीवन की सभी बाधाओं का अंत होता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पितृ पक्ष का समय हिंदू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि हर साल इस अवधि के दौरान, हमारे पूर्वज भोजन और पानी स्वीकार करने के लिए पृथ्वी पर आते हैं। साथ ही सभी कष्टों को दूर करते हैं। यह समय बेहद विशेष होता है, जब परिवार के दिवंगत लोगों को याद किया जाता है।
बता दें, श्राद्ध पक्ष (Pitru Paksha 2024) सोलह दिनों की अवधि में मनाया जाता है। इस समय लोग पिंड दान और पितृ तर्पण जैसे अनुष्ठान करते हैं।
ये लोग कर सकते हैं श्राद्ध
श्राद्ध कर्म को लेकर कई सारे नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना बहुत आवश्यक होता है। हालांकि कई बार ये नियम मन में तरह- तरह की शंकाएं उत्पन्न कर देते हैं। दरअसल, बहुत सारे लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि आखिर जिन लोगों के कोई पुत्र नहीं है तो (Who Can Perform Shraddha) उनका श्राद्ध कौन कर सकता है?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वैसे तो घर का सबसे बड़ा पुत्र श्राद्ध करता है, लेकिन जिनके पुत्र न हो, उनका वंश समाप्त हो गया हो, तो पुत्री का पति और पुत्र भी श्राद्ध के अधिकारी होते हैं। इसके अलावा उस व्यक्ति के पुत्र, पौत्र व प्रपौत्र न हो, तो उसकी पत्नी भी उसका श्राद्ध कर सकती है।
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