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    Pitru Paksha 2025: पितृ दोष से जीवन में आ सकती है समस्याएं, पितृ पक्ष में इन उपायों से पाएं मुक्ति

    धार्मिक मान्यता के अनुसार पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2025) की अवधि पितरों को समर्पित है। इस दौरान पितरों का तर्पण और श्राद्ध किया जाता है। इससे पूर्वज प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष की समस्या से छुटकारा मिलता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि पितृ मुक्ति के उपाय के बारे में।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sun, 24 Aug 2025 12:18 PM (IST)
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    Pitru Paksha 2025: कैसे पाएं पितृ दोष से मुक्ति

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2025) की शुरुआत भाद्रपद पूर्णिमा से होती है, जिसका समापन आश्विन माह की अमावस्या तिथि पर होता है। पितृ पक्ष को पूर्वजों को प्रसन्न और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए खास माना जाता है।

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    धार्मिक मान्यता के अनुसार, पितृ पक्ष में पितरों का तर्पण और श्राद्ध करने से पूर्वजों की कृपा से जीवन में आने वाले सभी दुख-संकट दूर होते हैं और पितृ प्रसन्न होते हैं। इस बार पितृ पक्ष की शुरुआत 07 सितंबर (Pitru Paksha 2025 Kab Se Hai) से होगी और समापन अगले महीने यानी 21 सितंबर को होगा।

    ऐसा माना जाता है कि पितृ दोष की वजह से इंसान को जीवन में कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि पितृ पक्ष में कैसे पाएं पितृ दोष से छुटकारा।

    (Pic Credit- Freepik)

    पितृ होंगे प्रसन्न

    अगर आप पितृ दोष का सामना कर रहे हैं, तो इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए पितृ पक्ष को उत्तम माना गया है। इस अवधि के दौरान पूर्वजों का तर्पण, पिंडदान, और श्राद्ध कर्म करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से पितरों की नाराजगी दूर होती है और पितृ प्रसन्न होते हैं।

    पितृ की कृपा होगी प्राप्त

    सनातन धर्म में पीपल के पेड़ की पूजा करने का विशेष महत्व है। इस पेड़ में पितरों का वास होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पितृ पक्ष में पीपल के पेड़ पास दीपक में काले तिल डालकर जलाएं और पेड़ की परिक्रमा लगाएं। इस उपाय को करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा प्राप्त होती है। साथ ही पितृ दोष से मुक्ति मिलेगी।

    जीवन में बनी रहेगी सुख-समृद्धि

    वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण दिशा को पितरों को मानी जाती है। इस दिशा में पितृ पक्ष में रोजाना दीपक जलाना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और उनकी कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

    पितृ के मंत्र

    1. ॐ पितृ देवतायै नम:।

    2. ॐ आगच्छन्तु में पितर एवं ग्रहन्तु जलान्जलिम’

    3. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात।

    4. ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।

    5. ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च

    नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।