Move to Jagran APP

Pitru Paksha ke Daan : पितर पक्ष में करें इन वस्तुओं का दान, मिलेगी पितृ दोष से मुक्ति

Pitru Paksha ke Daan पंचांग गणना के अनुसार इस साल पितर पक्ष 21 सितंबर से शुरू हो कर 06 अक्टूबर को समाप्त होगा। आइए जानते हैं पितर पक्ष में दिए जाने वाले ऐसे दान के बारे में जिन्हें करने से पितरों को संतुष्टि मिलती है ....

By Jeetesh KumarEdited By: Updated: Mon, 20 Sep 2021 03:12 PM (IST)
Hero Image
पितर पक्ष में करें इन वस्तुओं का दान, मिलेगी पितृ दोष से मुक्ति
Pitru Paksha ke Daan : हिंदू धर्म में पितर पक्ष को बहुत ही पावन और पवित्र काल माना जाता है। मान्यता है कि इस काल में हमारे पितर यमलोक से धरती लोक पर आते हैं और अपने परिजनों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं। इसलिए इस काल में अपने पितरों की आत्मा की संतुष्टी के लिए श्राद्ध और तर्पण करने का विधान है। इसके साथ ही इस काल में पितरों के निमित्त दान करने को भी बहुत उत्तम माना जाता है। पंचांग गणना के अनुसार इस साल पितर पक्ष 21 सितंबर से शुरू हो कर 06 अक्टूबर, महालय अमावस्या को समाप्त होगा। आइए जानते हैं पितर पक्ष में दिए जाने वाले ऐसे दान के बारे में जिन्हें करने से पितरों को संतुष्टि मिलती है और पितृ दोष से मुक्ति....

1-भोजन का दान या आमान्नदान –

पितर पक्ष में भोजन का दान सबसे उत्तम माना जाता है। इस काल में भूखे, गरीब ब्राह्मणों को भोजन करना चाहिए। यदि ऐसा करना संभव न हो तो भोजन की सामग्री यथा आटा, चावल, दाल, सब्जी, धी, गुड़, नमक आदि का दान करें। इसे सीधा या आमान्न दान कहा जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से पितर खुश होते हैं और आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

2- वस्त्र का दान –

पितर पक्ष वस्त्र दान का भी विशेष महत्व है। इस काल में पितरों के निमित्त उनके पहनने योग्य वस्त्र या धोती,कुर्ता व गमछा का दान करना चाहिए। इसके साथ ही इस काल में जूते-चप्पल व छाते का दान पितृ दोष तथा राहु-केतु दोष का निवारक माना जाता है।

3- काले तिल का दान –

पितरों के तर्पण और श्राद्ध में काले तिल का प्रयोग किया जाता है। पितर पक्ष में काले तिल का दान करने से पितर संतुष्ट होते हैं तथा ग्रह बाधा तथा जीवन के संकटों से मुक्ति प्रदान करते हैं।

4- घी और गुड़ का दान –

पितर पक्ष में गाय के घी और गुड़ का दान करने चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से गृह कलेश से मुक्ति मिलती है।

5- गौ दान –

पितर पक्ष में गौ अर्थात गाय का दान बहुत सर्वोत्म माना जाता है। लेकिन आज के काल में गौ दान आसान नहीं होने के कारण गौ दान के नाम से ब्राह्मण को धन का दान किया जा सकता है। ऐसा करने से पितरों को मुक्ति मिलती है और आपके सभी पितृ दोष समाप्त होते हैं।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'