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Pradosh 2024: प्रदोष व्रत पर इस विधि से करें शिवलिंग का अभिषेक, नोट करें पूजन मुहूर्त और मंत्र

प्रदोष व्रत ( Pradosh 2024) का दिन बेहद शुभ माना गया है। इस दिन भगवान शिव की पूजा का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि शिव पूजन से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसके साथ ही जीवन में शुभता का आगमन होता है। इस बार प्रदोष व्रत 28 नवंबर को रखा जाएगा। ऐसे में इस दिन शिव परिवार की आराधना जरूर करें।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Wed, 20 Nov 2024 09:45 AM (IST)
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Pradosh 2024: प्रदोष व्रत पर इस विधि से करें शिवलिंग का अभिषेक।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Pradosh Vrat 2024: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए बहुत फलदायी होता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान शंकर की पूजा करने से जीवन के सभी दुखों का अंत होता है। इसके साथ ही घर में खुशहाली आती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल मार्गशीर्ष माह का पहला प्रदोष व्रत 28 नवंबर को रखा जाएगा। इसलिए इस शुभ अवसर भगवान शिव और देवी पार्वती की आराधना अवश्य करें।

वहीं, इस पावन तिथि पर शिवलिंग का अभिषेक (Shivling Puja Ke Niyam) करना भी परम कल्याणकारी माना जाता है, तो आइए यहां शिवलिंग अभिषेक की विधि जानते हैं।

इस नियम से करें शिवलिंग का अभिषेक ( Shivling Abhishek Vidhi)

  • प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करें।
  • भगवान सूर्य को अर्घ्य दें।
  • इसके बाद दही, दूध, शहद, घी और गंगाजल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें।
  • फिर शिवलिंग पर बेलपत्र, मोली, अक्षत, फल, पान, धतूरा, भांग, आक का फूल, सुपारी आदि चीजें अर्पित करें।
  • भगवान शिव को फल, मिठाई, घर पर बनी खीर, ठंडई और पंचामृत आदि चीजों का भोग लगाएं।
  • शिव तांडव व शिव चालीसा का पाठ करें।
  • घी का दीपक जलाकर शिव परिवार की आरती भावपूर्ण करें और उनके वैदिक मंत्रों का जाप करें।
  • इसके बाद पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा याचना करें।
  • इसके साथ ही लोगों में प्रसाद का वितरण करें।
  • पूजा में तामसिक चीजों से परहेज करें।

मार्गशीर्ष प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2024 Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी तिथि 28 नवंबर को सुबह 06 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 29 नवंबर को सुबह 08 बजकर 39 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए 28 नवंबर को मार्गशीर्ष माह का पहला प्रदोष व्रत मनाया जायेगा।

इस दिन प्रदोष काल शाम 05 बजकर 26 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 40 मिनट तक रहेगा, जिसके चलते प्रदोष व्रत की पूजा इस दौरान ही की जाएगी।

मार्गशीर्ष प्रदोष व्रत मंत्र (Pradosh Vrat 2024 Shiv Pujan Mantra)

शिव स्तुति पूजा मंत्र

द: स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य, दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि। उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति, व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीशः।।

भगवान शंकर आरोग्य मंत्र

माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा। आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते।।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।