Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत के दिन करें शिव जी के नामों का जाप, दूर होगा गृह क्लेश
सनातन धर्म में प्रदोष व्रत को बहुत मंगलकारी माना गया है। यह दिन भगवान शिव की पूजा के लिए बेहद शुभ माना गया है। इस व्रत को करने से मनचाहे मुरादें पूर्ण होती हैं। पंचांग के अनुसार इस बार आश्विन माह का प्रदोष व्रत 15 अक्टूबर को रखा जाएगा। वहीं इस दिन शिव जी के नामों का जाप बहुत कल्याणकारी माना गया है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में प्रदोष व्रत को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा का विधान है। यह व्रत प्रतिमाह में दो बार आता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भक्त इस शुभ दिन पर विशेष रूप से शिव परिवार की पूजा करते हैं। ऐस कहा जाता है कि भोलेनाथ की इस स्वरूप की पूजा करने से रोग-दोष और गृह क्लेश से मुक्ति मिलती है। साथ ही शिव कृपा मिलती है।
बता दें, इस बार प्रदोष व्रत 15 अक्टूबर यानी कल रखा जाएगा। वहीं, इस तिथि ( Pradosh Vrat 2024) पर शाम के समय शिव जी के 108 नामों का जाप बेहद शुभ माना गया है, तो चलिए यहां पढ़ते हैं।
।।भगवान शिव के 108 नाम।। (Lord Shiva 108 Naam)
1. ॐ महाकाल नमः2. ॐ भीमेश्वर नमः
3. ॐ विषधारी नमः4. ॐ बम भोले नमः5. ॐ विश्वनाथ नमः6. ॐ अनादिदेव नमः7. ॐ उमापति नमः8. ॐ गोरापति नमः9. ॐ गणपिता नमः10. ॐ ओंकार स्वामी नमः11. ॐ ओंकारेश्वर नमः12. ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः13. ॐ भोले बाबा नमः
14. ॐ शिवजी नमः15. ॐ रुद्रनाथ नमः16. ॐ भीमशंकर नमः17. ॐ नटराज नमः18. ॐ प्रलेयन्कार नमः19. ॐ चंद्रमोली नमः20. ॐ डमरूधारी नमः21. ॐ चंद्रधारी नमः22. ॐ दक्षेश्वर नमः23. ॐ घ्रेनश्वर नमः24. ॐ मणिमहेश नमः25. ॐ अनादी नमः26. ॐ अमर नमः27. ॐ आशुतोष महाराज नमः28. ॐ विलवकेश्वर नमः29. ॐ भोलेनाथ नमः
30. ॐ कैलाश पति नमः31. ॐ भूतनाथ नमः32. ॐ नंदराज नमः33. ॐ नन्दी की सवारी नमः34. ॐ ज्योतिलिंग नमः35. ॐ मलिकार्जुन नमः36. ॐ शम्भु नमः37. ॐ नीलकंठ नमः38. ॐ महाकालेश्वर नमः39. ॐ त्रिपुरारी नमः40. ॐ त्रिलोकनाथ नमः41. ॐ त्रिनेत्रधारी नमः42. ॐ बर्फानी बाबा नमः43. ॐ लंकेश्वर नमः44. ॐ अमरनाथ नमः
45. ॐ केदारनाथ नमः46. ॐ मंगलेश्वर नमः47. ॐ अर्धनारीश्वर नमः48. ॐ नागार्जुन नमः49. ॐ जटाधारी नमः50. ॐ नीलेश्वर नमः51. ॐ जगतपिता नमः52. ॐ मृत्युन्जन नमः53. ॐ नागधारी नमः54. ॐ रामेश्वर नमः55. ॐ गलसर्पमाला नमः56. ॐ दीनानाथ नमः57. ॐ सोमनाथ नमः58. ॐ जोगी नमः59. ॐ भंडारी बाबा नमः60. ॐ बमलेहरी नमः
61. ॐ गोरीशंकर नमः62. ॐ शिवाकांत नमः63. ॐ महेश्वराए नमः64. ॐ महेश नमः65. ॐ संकटहारी नमः66. ॐ महेश्वर नमः67. ॐ रुंडमालाधारी नमः68. ॐ जगपालनकर्ता नमः69. ॐ पशुपति नमः70. ॐ संगमेश्वर नमः71. ॐ अचलेश्वर नमः72. ॐ ओलोकानाथ नमः73. ॐ आदिनाथ न74. ॐ देवदेवेश्वर नमः75. ॐ प्राणनाथ नमः76. ॐ शिवम् नमः
77. ॐ महादानी नमः78. ॐ शिवदानी नमः79. ॐ अभयंकर नमः80. ॐ पातालेश्वर नमः81. ॐ धूधेश्वर नमः82. ॐ सर्पधारी नमः83. ॐ त्रिलोकिनरेश नमः84. ॐ हठ योगी नमः85. ॐ विश्लेश्वर नमः86. ॐ नागाधिराज नमः87. ॐ सर्वेश्वर नमः88. ॐ उमाकांत नमः89. ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः90. ॐ त्रिकालदर्शी नमः91. ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः
92. ॐ महादेव नमः93. ॐ गढ़शंकर नमः94. ॐ मुक्तेश्वर नमः95. ॐ नटेषर नमः96. ॐ गिरजापति नमः97. ॐ भद्रेश्वर नमः98. ॐ त्रिपुनाशक नमः99. ॐ निर्जेश्वर नमः100. ॐ किरातेश्वर नमः101. ॐ जागेश्वर नमः102. ॐ अबधूतपति नमः103. ॐ भीलपति नमः104. ॐ जितनाथ नमः105. ॐ वृषेश्वर नमः106. ॐ भूतेश्वर नमः107. ॐ बैजूनाथ नमः
108. ॐ नागेश्वर नमःयह भी पढ़ें: Kartik Maas 2024: कब से शुरू हो रहा है कार्तिक माह? जानें इसका धार्मिक महत्व और नियमअस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।