Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत के दिन करें इन चीजों का दान, लगाएं भगवान शिव को ये भोग
प्रदोष व्रत भगवान शिव और देवी पार्वती को प्रसन्न करने के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। इस दिन संध्याकाल में पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान शंकर की पूजा-अर्चना दान (Pradosh Vrat 2024 Daan) करने से जीवन में व्याप्त समस्त तरह के दुख और संताप से मुक्ति मिलती है और जीवन खुशहाल रहता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रदोष व्रत, भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित एक प्रतिष्ठित व्रत है, जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह प्रतिमाह कृष्ण पक्ष और शुक्ल की त्रयोदशी तिथि में आते हैं। इस दिन शिव भक्त भोलेनाथ के लिए व्रत रखते हैं और उनकी विधिपूर्वक पूजा करते हैं। इस तिथि को प्रदोष व्रत नाम इसलिए दिया गया है, क्योंकि इस दिन (Pradosh Vrat 2024) शाम यानी 'संध्याकाल' की पूजा का महत्व है, तो आइए इस दिन किस चीज का दान और क्या भोग लगाना उत्तम माना जाता है? आइए उसके बारे में जानते हैं।
प्रदोष व्रत के दिन करें ये दान ( Donate these Things on Pradosh Vrat)
प्रदोष व्रत के दिन सफेद चीजें जैसे सफेद वस्त्र दान, दही, दूध, सफेद मिठाई, नमक, आदि चीजों का दान (Pradosh Vrat 2024 Daan) करना चाहिए। वहीं, रविवार को पड़ने की वजह से इस दिन लाल चीजों का दान भी शुभ माना जाता है। जैसे - गुड़, गेहूं, तांबा, लाल वस्त्र मूंगफली इत्यादि।ऐसा कहा जाता है कि इन चीजों का दान करने से भगवान शिव के साथ सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही मनचाहा करियर प्राप्त होता है। यहीं नहीं, कुंडली में सूर्य देव की स्थिति भी मजबूत होती है।यह भी पढ़ें: Bhuvaneshwari Jayanti 2024: सितंबर महीने में कब है भुवनेश्वरी जयंती? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग
प्रदोष व्रत के दिन शिव जी को लगाएं ये भोग (Offer These Bhog To Lord Shiva)
भगवान शिव को गन्ने का रस और गुड़, ठंडाई, सफेद मिठाई, खीर, हलवा-पूरी आदि का भोग लगाएं। ये चीजें प्रदोष व्रत के दिन शिव जी को अर्पित करना शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इन भोग में से भोलेनाथ को कोई एक भोग भी अर्पित करते हैं, उन्हें शिव जी की पूर्ण कृपा प्राप्त होती है। साथ ही अन्न और धन में बरकत होती है। इसके अलावा सुख- समृद्धि की भी प्राप्ति होती है।
भोग लगाते समय करें इस मंत्र का जाप (Bhog Mantra)
- त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।