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Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत पर जरूर आजमाएं विशेष उपाय, वैवाहिक रिश्ते में आएगी मिठास

त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत करने का विधान है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। अगर आप जीवन में किसी समस्या का सामना कर रहे हैं तो इस लेख में बताए गए उपाय प्रदोष व्रत पर जरूर करें। इससे शादी में कोई रुकावट दूर होगी और वैवाहिक रिश्ते में मिठास आएगी।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sun, 25 Aug 2024 01:35 PM (IST)
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Shani Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत के चमत्कारी उपाय

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Pradosh Vrat 2024 Upay: सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। इस दिन महादेव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना संध्याकाल में होती है। पंचांग के अनुसार, भादों का पहला प्रदोष व्रत 31 अगस्त (Pradosh Vrat 2024 Date) को किया जाएगा। इस दिन किए गए उपाय साधक के जीवन के लिए बेहद फलदायी माने जाते हैं। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में।

करें ये उपाय

  • प्रदोष व्रत के दिन सफेद वस्त्र धारण करना बहुत शुभ माना जाता है। अगर आप करियर में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो प्रदोष व्रत पर गरीब लोगों में वस्त्र का दान करें। मान्यता है कि यह उपाय करने से साधक को करियर के क्षेत्र में उन्नति मिलती है। इसके अलावा चंद्र दोष से भी मुक्ति मिलती है।

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  • यदि आपकी शादी में कोई रुकावट आ रही है, तो ऐसे में प्रदोष व्रत की पूजा के दौरान 108 बेलपत्र लें और उनपर चंदन से 'श्री राम' लिखकर महादेव को चढ़ाएं। मान्यता के अनुसार, इस टोटके को करने से साधक के विवाह में आ रही बाधा दूर होती है और मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। साथ ही जल्द शादी के योग बनते हैं।
  • माना जाता है कि प्रदोष व्रत पर किए गए उपाय वैवाहिक जीवन के लिए शुभ माने जाते हैं। इस दिन महादेव का पंचामृत से अभिषेक करें और मां पार्वती को सोलह शृंगार की चढ़ाएं। ऐसा करने से वैवाहिक रिश्ते में मिठास आती है और वैवाहिक जीवन की सभी समस्या दूर होती है।

पूजा के दौरान करें इन मंत्रों का जप

शिव प्रार्थना मंत्र

करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं ।

विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो ॥

शिव नमस्कार मंत्र

शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।

ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।