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Pradosh Vrat 2024 February: प्रदोष व्रत के दिन करें ये उपाय, आर्थिक तंगी से मिलेगा छुटकारा

Pradosh Vrat 2024 February हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। ऐसा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और देवों के देव महादेव प्रसन्न होते हैं। इस बार माघ माह में प्रदोष व्रत 7 फरवरी को है। ज्योतिष शास्त्र में प्रदोष व्रत को लेकर कुछ उपाय बताए गए हैं।

By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik SharmaUpdated: Fri, 02 Feb 2024 09:48 AM (IST)
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Pradosh Vrat 2024 February: प्रदोष व्रत के दिन करें ये उपाय, आर्थिक तंगी से मिलेगा छुटकारा

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Pradosh Vrat 2024 February: सनातन धर्म में प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा-व्रत करने का विधान है। हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। ऐसा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं। इस बार माघ माह में प्रदोष व्रत 7 फरवरी को है। ज्योतिष शास्त्र में प्रदोष व्रत को लेकर कुछ उपाय बताए गए हैं, जिससे कई मुश्किलों से निजात पाया जा सकता है।

प्रदोष व्रत के उपाय

-इस दिन व्रत करने से भगवान शिव जी के साथ भगवान हनुमान जी प्रसन्न होते हैं। प्रदोष व्रत के दिन पूजा के दौरान ''ॐ ऐं भ्रीम हनुमते, श्री राम दूताय नमः'' मंत्र का जाप करने से साधक आर्थिक तंगी से छुटकारा पाया सकता है।

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-प्रदोष व्रत के दिन भगवान भोलेनाथ का विधिपूर्वक अभिषेक करें और मां पार्वती को शृंगार की चीजें अर्पित करें। कहा जाता है कि इस उपाय को करने से इंसान का वैवाहिक जीवन सदैव सुखमय रहता है।

-कुंडली में शुक्र दोष होने पर शादी में बाधाएं आती हैं। ऐसे में कुंडली में शुक्र को मजबूत करने के लिए प्रदोष व्रत के दिन जल में शहद और सफेद तिल डालकर भगवान शिव का अभिषेक करें और दीपक जलाकर पूजा करें। मान्यता है कि इस टोटके को करने से जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत होता है।

प्रदोष व्रत 2024 शुभ मुहूर्त

दैनिक पंचांग के अनुसार, माघ महीने की कृष्ण पक्ष की तिथि का आरंभ 7 फरवरी को दोपहर 02 बजकर 02 मिनट पर होगा और इसके अगले दिन यानी 8 फरवरी को सुबह 11 बजकर 17 मिनट पर तिथि का समापन होगा। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा सांध्यकाल में करने का विधान है। प्रदोष व्रत की पूजा-अर्चना 7 फरवरी को शाम 06 बजकर 05 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 41 मिनट तक के बीच में की जा सकती है।

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डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'