Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत के दिन की गई ये गलतियां पड़ सकती हैं भारी, जरूर रखें ध्यान
हर माह में दो बार प्रदोष व्रत किया जाता है एक बार कृष्ण पक्ष में और दूसरी बार शुक्ल पक्ष में। प्रदोष व्रत का दिन भगवान शंकर की कृपा प्राप्ति के लिए उत्तम दिन माना जाता है। माना जाता है कि इस व्रत का श्रद्धापूर्वक पालन करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। तो चलिए जानते हैं कि प्रदोष व्रत के दिन किन नियमों का ध्यान रखना चाहिए।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Pradosh Vrat Niyam: प्रदोष व्रत को भगवान शिव की कृपा प्राप्ति के लिए एक उत्तम दिन माना गया है। इस दिन को भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित माना जाता है। इस व्रत को करने से भगवान शंकर का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे जीवन में आ रही परेशानियां दूर हो सकती हैं। तो चलिए जानते हैं कि प्रदोष व्रत के दिन किन कार्यों को करने से बचना चाहिए।
प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat Shubh muhurat)
वैशाख माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 05 मई को शाम 05 बजकर 41 मिनट पर शुरू हो रही है। जिसका समापन 06 मई को दोपहर 02 बजकर 40 मिनट पर होगा। प्रदोष व्रत की पूजा, प्रदोष काल में की जाती है। ऐसे में वैशाख माह का पहला प्रदोष व्रत 05 मई, रविवार के दिन किया जाएगा। इस दौरान पूजा का समय कुछ इस प्रकार रहेगा -
पूजा का शुभ मुहूर्त - शाम 06 बजकर 59 से 09 बजकर 06 मिनट तक
न अर्पित करें ये चीजें
प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर भूलकर भी सिंदूर, हल्दी, तुलसी, केतकी के फूल या फिर नारियल आदि अर्पित नहीं करनी चाहिए। ऐसा करना बिल्कुल भी शुभ नहीं माना जाता। इन सभी चीजों को किसी सामान्य दिनों पर भी शिवलिंग पर अर्पित करने के मनाई होती है।
न करें ये काम
प्रदोष व्रत के दिन भूलकर भी काले कपड़े धारण नहीं करने चाहिए। ऐसा करने से नकारात्मकता उत्पन्न हो सकती है, जिससे परिवार में लड़ाई-झगड़े बढ़ने लगते हैं। इसके स्थान पर आपको सफेद या पीले रंग के कपड़े धारण करने चाहिए। इस दिन ब्रह्मचार्य का पालन का करें।खानपान संबंधी नियम
प्रदोष व्रत के दिन गलती से भी मांस-मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही तामसिक भोजन जैसे प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, आदि का भी सेवन करने से बचना चाहिए। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि प्रदोष व्रत में नमक और चावल का सेवन नहीं किया जाता।डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'