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Pradosh Vrat 2024: आज है प्रदोष व्रत, शाम के समय इस विधि से करें पूजा, नोट करें शुभ मुहूर्त और शिव प्रसाद

सनातन धर्म में रवि प्रदोष व्रत का अत्यधिक धार्मिक महत्व है। इस दिन को शिव जी की पूजा करने के लिए सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो महिलाएं इस व्रत को भक्ति और समर्पण के साथ रखती हैं उन्हें सभी सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन ( Pradosh Vrat) गोधूलि बेला में पूजा की जाती है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 15 Sep 2024 10:24 AM (IST)
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Ravi Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत का पूजा मुहूर्त और विधि।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रदोष व्रत का हिंदुओं में बड़ा धार्मिक महत्व है। यह दिन सबसे शुभ दिनों में से एक है, क्योंकि यह दिन पूरी तरह से भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। इस शुभ दिन पर साधक उपवास रखते हैं और भगवान शिव की भक्ति भाव के साथ आराधना करते हैं। इस बार प्रदोष व्रत (Ravi Pradosh Vrat 2024) भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी आज 15 सितंबर को रखा जा रहा है, तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।

प्रदोष व्रत का पूजा मुहूर्त (Ravi Pradosh Vrat 2024 Puja Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत का पूजा मुहूर्त शाम 06 बजकर 12 मिनट से रात 08 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। वहीं, विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 19 मिनट से 03 बजकर 09 मिनट तक रहेगा और गोधूलि मुहूर्त शाम 06 बजकर 26 मिनट से 06 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही निशिता मुहूर्त रात्रि 11 बजकर 53 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक रहेगा।

ये सभी मुहूर्त शिव पूजा के लिए विशेष माने जाते हैं। इसलिए आप इनमें से किसी भी समय पूजा कर सकते हैं, लेकिन प्रदोष व्रत में शाम की पूजा का ज्यादा महत्व है। ऐसे में पूजा समय के अनुसार ही पूजा करने की कोशिश करें।

भोग - सफेद मिठाई, हलवा, दही, भांग, पंचामृत, शहद, दूध, खीर, मालपुआ, ठंडाई आदि।

प्रदोष व्रत पूजा विधि (Ravi Pradosh Vrat 2024 Puja Vidhi)

  • पूजा अनुष्ठान शुरू करने से पहले सुबह जल्दी उठें और स्नान करें।
  • एक वेदी पर भगवान शिव और देवी पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
  • देसी घी का दीपक जलाएं और गुड़हल, आक, मदार के फूल अर्पित करें।
  • खीर, ठंडाई और घर पर बनी मिठाई का प्रसाद चढ़ाएं।
  • भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित विभिन्न मंत्रों का जाप करें।
  • भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए शिव पुराण और शिव तांडव स्त्रोत का पाठ भी करें।
  • इसके साथ ही प्रदोष व्रत का पाठ करें।
  • शाम को शिव परिवार की पूजा जरूर करें।
  • आरती के साथ पूजा पूर्ण करें।
  • फिर भोग प्रसाद परिवार के सदस्यों में बांटें।
  • व्रती अपना व्रत सात्विक भोजन से खोलें और तामसिक भोजन से बचें।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।