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Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत पर बन रहे हैं ये शुभ योग, इस दौरान की गई पूजा का मिलेगा दोगुना फल

प्रदोष व्रत का दिन बहुत पुण्यदायी माना जाता है। इस दिन भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस मौके पर शिव परिवार की पूजा करने से सभी कार्य सिद्ध होते हैं। इसके साथ ही मनचाहा वर मिलता है। इस बार प्रदोष व्रत 3 जुलाई को रखा जाएगा तो चलिए इस दिन बनने वाले शुभ योग के बारे में जानते हैं -

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 27 Jun 2024 12:12 PM (IST)
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Pradosh Vrat 2024: बुध प्रदोष व्रत शुभ योग -
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रदोष व्रत महीने में दो बार मनाया जाता है। यह दिन भगवान शिव के भक्तों के लिए बहुत खास होता है। प्रदोष शब्द का अर्थ है अंधकार को समाप्त करना। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस शुभ दिन का उपवास करने से भगवान शिव और देवी पार्वती की कृपा प्राप्त होती है। इसके साथ ही व्यक्ति को जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है। प्रदोष व्रत सप्ताह के जिस दिन पड़ता है उसके आधार पर वह अलग-अलग नामों से जाना जाता है।

इस बार यह व्रत 3 जुलाई के दिन बुधवार को रखा जाएगा, इस दिन कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है, तो चलिए उनके बारे में विस्तार से जानते हैं -

बुध प्रदोष व्रत शुभ योग

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार का बुध प्रदोष व्रत बहुत शुभ माना जा रहा है, क्योंकि इस दिन कई शुभ की युति बन रही है। दरअसल, इस शुभ मौके पर सर्वार्थ सिद्धि योग पूर्ण दिन रहेगा। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करने से उसमें सफलता प्राप्त होती है। इसके अलावा इस दिन रोहिणी नक्षत्र भोर से लेकर अगले दिन सुबह 04 बजकर 07 मिनट तक रहेगा।

प्रदोष व्रत 2024 तिथि और समय

वैदिक पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 3 जुलाई को सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 4 जुलाई सुबह 5 बजकर 54 मिनट पर होगा। इस दिन प्रदोष काल में पूजा शुभ मानी जाती है। इस वजह से इस बार यह व्रत 3 जुलाई के दिन बुधवार को रखा जाएगा।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।