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Paush Pradosh Vrat 2024: कब है साल का पहला प्रदोष व्रत? नोट करें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

पौष प्रदोष व्रत में भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। हर माह की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत होता है। धार्मिक मत के अनुसार प्रदोष व्रत करने से साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और जीवन की सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है। इस बार साल 2024 का पहला प्रदोष व्रत 9 जनवरी को है।

By Jagran News Edited By: Pravin KumarUpdated: Fri, 29 Dec 2023 01:15 PM (IST)
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Paush Pradosh Vrat 2024: कब है साल का पहला प्रदोष व्रत? नोट करें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

धर्म डेस्क, नई दिल्ली।Paush Pradosh Vrat 2024: पौष प्रदोष व्रत में भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने का विधान है। हर माह की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत होता है। धार्मिक मत है कि प्रदोष व्रत करने से साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और जीवन की सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है। इस बार साल 2024 का पहला प्रदोष व्रत 9 जनवरी को है। ये व्रत मंगलवार के दिन है, तो इसलिए इसे भौम प्रदोष व्रत भी कहा जा सकता है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत की पूजा शुभ मुहूर्त में करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है। आइए जानते हैं प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त

पौष माह की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 8 जनवरी 2024 की रात को 11 बजकर 58 मिनट से होगा और इसके अगले दिन यानि 9 जनवरी को रात 10 बजकर 24 मिनट पर तिथि का समापन होगा। प्रदोष व्रत में भगवान भोलेनाथ की पूजा प्रदोष काल में करने का विधान है। इसलिए प्रदोष व्रत 9 जनवरी को रखा जाएगा।

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प्रदोष व्रत पूजा विधि

प्रदोष व्रत के दिन सुबह उठे और स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें।

इसके बाद मंदिर की सफाई करें और भगवान शिव के सामने व्रत का संकल्प लें।

अब शिवलिंग का गंगाजल से विधिपूर्वक जलाभिषेक करें।

शिवलिंग पर श्वेत चंदन लगाकर पुष्प, बेलपत्र, भांग और फूल चढ़ाएं।

पूजा के समय शिव चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।

अब दीपक जलाकर आरती करें।

भगवान शिव को भोग लगाएं और प्रसाद का वितरण करें।

प्रदोष व्रत पूजा-सामग्री

सफेद चंदन

लाल या पीला गुलाल

अक्षत

धूपबत्ती

बेल पत्र

कलावा

फल

कपूर

फूल

मिठाई

भांग

प्रदोष व्रत का लाभ

प्रदोष व्रत करने से साधक को दुख और पाप से छुटकारा मिलता है।

घर में खुशियों का आगमन होता है।

आर्थिक तंगी की समस्या दूर होती है।

भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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Author- Kaushik Sharma

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/जयोतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेंगी।