Radha Ashtami 2024: राधा अष्टमी पर प्रीति योग समेत बन रहे हैं कई मंगलकारी संयोग, प्राप्त होगा दोगुना फल
धार्मिक मत है कि राधा रानी (Radha Ashtami 2024) की पूजा करने से साधक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है। साथ ही सभी प्रकार के बिगड़े काम बन जाते हैं। राधा रानी की कृपा से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इस शुभ अवसर पर साधक भक्ति भाव से श्रीजी की पूजा करते हैं। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखते हैं।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Fri, 30 Aug 2024 05:01 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर राधा अष्टमी मनाई जाती है। यह पर्व श्रीजी यानी राधा महारानी को समर्पित है। इस शुभ अवसर पर राधा रानी संग भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही साधक मनचाहा वर पाने के लिए राधा रानी के निमित्त व्रत रखते हैं। धार्मिक मत है कि राधा रानी संग भगवान कृष्ण की पूजा करने से साधक की सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। ज्योतिषियों की मानें तो राधा अष्टमी (Radha Ashtami 2024) पर कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान कृष्ण संग राधा रानी की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी।
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राधा अष्टमी शुभ मुहूर्त (Radha Ashtami Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 10 सितंबर को रात 11 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगी और 11 सितंबर को रात 11 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। अतः 11 सितंबर को राधा अष्टमी मनाई जाएगी।
राधा अष्टमी शुभ योग (Radha Ashtami Shubh Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो राधा अष्टमी पर प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन रात 11 बजकर 55 मिनट पर होगा। इसके बाद आयुष्मान योग का संयोग बन रहा है। इस शुभ अवसर पर रवि योग का निर्माण रात 09 बजकर 22 मिनट से हो रहा है। वहीं, समापन सुबह 06 बजकर 05 मिनट पर होगा। इसके अलावा, राधा अष्टमी पर भद्रावास योग का संयोग बन रहा है। इस योग का समापन सुबह 11 बजकर 35 मिनट तक है। इस योग में राधा रानी की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।पंचांग
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 04 मिनट परसूर्यास्त - शाम 06 बजकर 31 मिनट परचन्द्रोदय- दोपहर 01 बजकर 20 मिनट परचंद्रास्त- रात 11 बजकर 26 मिनट परब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 32 मिनट से 05 बजकर 18 मिनट तकविजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 22 मिनट से 03 बजकर 12 मिनट तकगोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 31 मिनट से 06 बजकर 54 मिनट तकनिशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 54 मिनट से 12 बजकर 41 मिनट तक
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