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Pushpak Viman facts: रावण को कैसे मिला पुष्पक विमान? जानें इसके चौकाने वाले तथ्य

Pushpak Viman facts हिन्दू पौराणिक महाकाव्य रामायण में सीता हरण के दौरान पुष्पक विमान का उल्लेख मिलता है। पुष्पक विमान में ऐसी कई खासियत मौजूद थी जो आज के विमानों में भी मिलना मुश्किल है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि असल में यह विमान किसका था। चलिए आज हम आपको इसके कुछ ऐसे तथ्यों के बारे में बताते हैं जो आपने मुश्किल ही सुने होंगे।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Fri, 07 Jul 2023 01:23 PM (IST)
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Pushpak Viman facts पुष्पक विमान के आश्चर्यजनक तथ्य।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Pushpak Viman facts: पुष्पक विमान, रावण की अद्भुत संपत्तियों में से एक था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रावण को यह विमान कैसे प्राप्त हुआ। पौराणिक संदर्भों में विज्ञान की खोज करने वालों की मान्यता है कि प्राचीन भारतीय विज्ञान आधुनिक विज्ञान की तुलना में अधिक संपन्न था।

रावण को कैसे मिला पुष्पक विमान

पुष्पक विमान को भगवान विश्वकर्मा ने ब्रह्मा जी के लिए बनाया था। ब्रह्मा जी ने पुष्पक विमान को कुबेर को भेंट कर दिया। जब इस अद्भुत विमान के बारे में रावण को जानकारी हुई तो उसने ताकत के दम रावण ने अपने बड़े भाई कुबेर से पुष्पक विमान छीन लिया। रावण की मृत्यु के बाद विभीषण इसका अधिपति बना और उसने फिर से इसे कुबेर को दे दिया। कुबेर ने इसे राम को उपहार में दे दिया था। राम लंका विजय के बाद अयोध्या इसी विमान से पहुंचे थे।

क्या हैं खासियतें

पुष्पक विमान का आकार मोर की आकृति जैसा था। यह विमान मंत्रों द्वारा सिद्ध किया हुआ था। पुष्पक विमान एक लड़ाकू विमान था, जिसके संबंध में जानकारी सुंदरकांड (रामायण) के सातवें अध्याय में मिलती है। यह विमान वायु और अग्नि की ऊर्जा से उड़ान भरता था। अपनी विशिष्ट डिजाइन के चलते पुष्पक विमान के आकार को छोटा और बड़ा किया जा सकता था। यह विमान अपने मालिक की इच्छा का अनुसरण करते हुए उसी स्थान पर पहुंचा देता था। इसकी गति काफी तेज थी और चालक की इच्‍छानुसार इसे किसी भी दिशा में गतिशील रखा जा सकता था।

इन सुविधाओं से लैस था विमान

ये सभी मौसम में उड़ान भरने योग्य वातानुकूलित यानी एसी विमान था। कहा जाता है कि इस विमान में सोने के खंभे लगे थे। इसकी सीढ़ियों पर कीमती रत्न जड़े थे। इसमें कई कैबिन भी बने हुए थे। विमान में नीलम से बना एक सिंहासन मौजूद था। यह विमान रात में भी उड़ान भरने के योग्य था। पुष्पक विमान को मंत्रों द्वारा सिद्ध किया गया था। तब चालक उन मंत्रों का जाप करता था तब यह विमान उड़ान भरता था।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'