Radha-Krishna Puja: राधा रानी की पूजा से प्रसन्न होंगे भगवान कृष्ण, मिलेगा खुशहाली का आशीर्वाद
अगर देवी राधा की पूजा विधिवत की जाए तो जीवन के बड़े से बड़े संकट को आसानी खत्म किया जा सकता है। साथ ही भगवान कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। यदि किसी जातक की कुंडली में ग्रहों की स्थिति खराब है तो उन्हें भगवान कृष्ण के साथ राधा रानी की पूजा अवश्य करनी चाहिए और राधा चालीसा का पाठ (Radha Chalisa Ka Path) करना चाहिए।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Radha Chalisa Ka Path: देवी राधा की पूजा का शास्त्रों में बड़ा महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर उनकी पूजा विधिवत की जाए, तो जीवन के बड़े से बड़े संकट को आसानी खत्म किया जा सकता है। साथ ही भगवान कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। यदि किसी जातक की कुंडली में ग्रहों की स्थिति खराब है, तो उन्हें भगवान कृष्ण के साथ राधा रानी की पूजा अवश्य करनी चाहिए और राधा चालीसा का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में खुशहाली आती है, तो आइए यहां पढ़ते हैं -
॥श्री राधा चालीसा॥
॥ दोहा ॥श्री राधे वुषभानुजा,भक्तनि प्राणाधार ।
वृन्दाविपिन विहारिणी,प्रानावौ बारम्बार ॥जैसो तैसो रावरौ,कृष्ण प्रिया सुखधाम ।चरण शरण निज दीजिये,सुन्दर सुखद ललाम ॥॥ चौपाई ॥
जय वृषभान कुंवारी श्री श्यामा ।कीरति नंदिनी शोभा धामा ॥नित्य विहारिणी श्याम अधर ।अमित बोध मंगल दातार ॥रास विहारिणी रस विस्तारिन ।सहचरी सुभाग यूथ मन भावनी ॥नित्य किशोरी राधा गोरी ।श्याम प्राण धन अति जिया भोरी ॥करुना सागरी हिय उमंगिनी ।ललितादिक सखियाँ की संगनी ॥दिनकर कन्या कूल विहारिणी ।कृष्ण प्रण प्रिय हिय हुल्सवानी ॥
नित्य श्याम तुम्हारो गुण गावें ।श्री राधा राधा कही हर्शवाहीं ॥मुरली में नित नाम उचारें ।तुम कारण लीला वपु धरें ॥प्रेमा स्वरूपिणी अति सुकुमारी ।श्याम प्रिय वृषभानु दुलारी ॥नावाला किशोरी अति चाबी धामा ।द्युति लघु लाग कोटि रति कामा ॥गौरांगी शशि निंदक वदना ।सुभाग चपल अनियारे नैना ॥जावक यूथ पद पंकज चरण ।नूपुर ध्वनी प्रीतम मन हारना ॥
सन्तता सहचरी सेवा करहीं ।महा मोड़ मंगल मन भरहीं ॥रसिकन जीवन प्रण अधर ।राधा नाम सकल सुख सारा ॥अगम अगोचर नित्य स्वरूप ।ध्यान धरत निशिदिन ब्रजभूपा ॥उप्जेऊ जासु अंश गुण खानी ।कोटिन उमा राम ब्रह्मणि ॥नित्य धाम गोलोक बिहारिनी ।जन रक्षक दुःख दोष नासवानी ॥शिव अज मुनि सनकादिक नारद ।पार न पायं सेष अरु शरद ॥
राधा शुभ गुण रूपा उजारी ।निरखि प्रसन्ना हॉट बनवारी ॥ब्रज जीवन धन राधा रानी ।महिमा अमित न जय बखानी ॥प्रीतम संग दिए गल बाहीं ।बिहारता नित वृन्दावन माहीं ॥राधा कृष्ण कृष्ण है राधा ।एक रूप दौऊ -प्रीती अगाधा ॥श्री राधा मोहन मन हरनी ।जन सुख प्रदा प्रफुल्लित बदानी ॥कोटिक रूप धरे नन्द नंदा ।दरश कारन हित गोकुल चंदा ॥
रास केलि कर तुम्हें रिझावें ।मान करो जब अति दुःख पावें ॥प्रफ्फुल्लित होठ दरश जब पावें ।विविध भांति नित विनय सुनावें ॥वृन्दरंन्य विहारिन्नी श्याम ।नाम लेथ पूरण सब कम ॥कोटिन यज्ञ तपस्या करुहू ।विविध नेम व्रत हिय में धरहु ॥तू न श्याम भक्ताही अपनावें ।जब लगी नाम न राधा गावें ॥वृंदा विपिन स्वामिनी राधा ।लीला वपु तुवा अमित अगाध ॥
स्वयं कृष्ण नहीं पावहीं पारा ।और तुम्हें को जननी हारा ॥श्रीराधा रस प्रीती अभेद ।सादर गान करत नित वेदा ॥राधा त्यागी कृष्ण को भाजिहैं ।ते सपनेहूं जग जलधि न तरिहैं ॥कीरति कुमारी लाडली राधा ।सुमिरत सकल मिटहिं भाव बड़ा ॥नाम अमंगल मूल नासवानी ।विविध ताप हर हरी मन भवानी ॥राधा नाम ले जो कोई ।सहजही दामोदर वश होई ॥
राधा नाम परम सुखदायी ।सहजहिं कृपा करें यदुराई ॥यदुपति नंदन पीछे फिरिहैन ।जो कौउ राधा नाम सुमिरिहैन ॥रास विहारिणी श्यामा प्यारी ।करुहू कृपा बरसाने वारि ॥वृन्दावन है शरण तुम्हारी ।जय जय जय व्र्शभाणु दुलारी ॥॥ दोहा ॥श्री राधा सर्वेश्वरी,रसिकेश्वर धनश्याम ।करहूँ निरंतर बास मै,श्री वृन्दावन धाम ॥
॥ इति श्री राधा चालीसा ॥यह भी पढ़ें: Lord Vishnu: गुरुवार को ऐसे करें भगवान विष्णु की पूजा, मनोकामनाएं शीघ्र होंगी पूरीडिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी'।