Radha Krishna Katha: जब श्रीकृष्ण ने पिया था अपने प्रिय राधा का चरणामृत, पढ़ें यह कथा
Radha Krishna Katha जागरण अध्यात्म के इस लेख में आज हम आपके लिए प्रेम के प्रतीक राधा कृष्ण की एक पौराणिक कथा लाए हैं जिसमें यह वर्णित है जब श्रीकृष्ण को पीना पड़ा था चरणामृत। आइए पढ़ते हैं यह कथा।
Radha Krishna Katha: जागरण अध्यात्म के इस लेख में आज हम आपके लिए प्रेम के प्रतीक राधा कृष्ण की एक पौराणिक कथा लाए हैं जिसमें यह वर्णित है जब श्रीकृष्ण को पीना पड़ा था चरणामृत। आइए पढ़ते हैं यह कथा। पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार श्रीकृष्ण बीमार पड़ गए थे। उन पर किसी भी जड़ी-बूटी और दवा का कोई असर नहीं हुआ। सभी परेशान थे। श्रीकृष्ण जानते हैं थे कि वो किस तरह से ठीक हो सकते हैं। लेकिन वो किसी को बता नहीं रहे थे। पूरा गांव परेशान था ऐसे में उन्होंने सभी गोपियों के दुःख देखकर अपना इलाज गोपियों को बता दिया।
इलाज सुनकर सभी गोपियां दुविधा में पड़ गईं। श्रीकृष्ण ने उन्होंने बताया था कि उन्हें उस गोपी का चरणामृत पिलाया जाए जो उनसे बेहतर प्रेम करती है। यह सुन सभी गोपियां चिंतित हो गईं क्योंकि श्रीकृष्ण सभी के लिए बेहद महत्वपूर्ण थे। वे सभी उनकी परम भक्त थीं। लेकिन हर कोई इसी डर में था कि कहीं अगर यह उपाय सफल नहीं हुआ तो अनर्थ हो जाएगा और पाप के लिए उन्हें नरक भोगना पड़ेगा।
सभी को दुविधा में देख उनकी प्रिय राधा वहां आ गईं। कृष्ण की ऐसी हालत देख वह बेहद परेशान हो गईं। तब गोपियों ने उन्हें उपाय बताया कि कैसे कृष्ण जी ठीक हो सकते हैं। राधा ने एक क्षण भी गवाएं अपने पांव धोकर चरणामृत लिया और श्रीकृष्ण को पिलाने के लिए आगे बढ़ी।
राधा को पता था कि वो क्या कर रही हैं लेकिन वो नरक में जाने को भी तैयार थीं। जैसे ही श्रीकृष्ण ने चरणामृत पिया वो धीरे-धीरे स्वस्थ होने लगे। ऐसे में यह सिद्ध हो गया कि राधा के सच्चे प्रेम और निष्ठा से ही कृष्ण जी स्वस्थ हुए हैं।
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