Rahu-Ketu Kavach: शनिवार के दिन करें इस कवच का पाठ, राहु-केतु भी देंगे शुभ फल
शनिवार के दिन राहु-केतु की पूजा होती है। ऐसी मान्यता है कि अगर उनकी (Rahu-Ketu Pujan) स्थिति कुंडली में अच्छी होती है तो व्यक्ति का जीवन सुखमय बीतता है। ऐसे में शनिवार के दिन प्रात स्नान करें। इसके बाद राहु-केतु की पूजा विधि अनुसार करें। फिर उनके कवच का पाठ करें जो यहां दिया गया है। पूजा का समापन आरती से करें।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में राहु-केतु की पूजा बहुत फलदायी मानी जाती है। उनकी पूजा के लिए शनिवार का दिन बेहद शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि राहु-केतु (Rahu-Ketu Pujan) की स्थिति कुंडली में अच्छी होती है, तो व्यक्ति का जीवन सुखमय बीतता है। ऐसे में शनिवार के दिन प्रात: स्नान करें। इसके बाद राहु-केतु की पूजा विधि अनुसार करें। फिर उनके कवच का पाठ अवश्य करें, जो लोग ऐसा करते हैं उन्हें मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।
॥राहु कवच॥
अस्य श्रीराहुकवचस्तोत्रमंत्रस्य चंद्रमा ऋषिः ।अनुष्टुप छन्दः । रां बीजं । नमः शक्तिः ।स्वाहा कीलकम् । राहुप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः ॥
प्रणमामि सदा राहुं शूर्पाकारं किरीटिन् ॥सैन्हिकेयं करालास्यं लोकानाम भयप्रदम् ॥
निलांबरः शिरः पातु ललाटं लोकवन्दितः ।चक्षुषी पातु मे राहुः श्रोत्रे त्वर्धशरीरवान् ॥नासिकां मे धूम्रवर्णः शूलपाणिर्मुखं मम ।जिव्हां मे सिंहिकासूनुः कंठं मे कठिनांघ्रीकः ॥भुजङ्गेशो भुजौ पातु निलमाल्याम्बरः करौ ।पातु वक्षःस्थलं मंत्री पातु कुक्षिं विधुंतुदः ॥कटिं मे विकटः पातु ऊरु मे सुरपूजितः ।स्वर्भानुर्जानुनी पातु जंघे मे पातु जाड्यहा ॥
गुल्फ़ौ ग्रहपतिः पातु पादौ मे भीषणाकृतिः ।सर्वाणि अंगानि मे पातु निलश्चंदनभूषण: ॥राहोरिदं कवचमृद्धिदवस्तुदं यो ।भक्ता पठत्यनुदिनं नियतः शुचिः सन् ।प्राप्नोति कीर्तिमतुलां श्रियमृद्धिमायुरारोग्यमात्मविजयं च हि तत्प्रसादात् ॥