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Raksha Bandhan 2023: रक्षाबंधन पर घर ले आएं ये खास चीज, जरूर मिलेगा मां लक्ष्मी का आशीर्वाद

Raksha Bandhan 2023 हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावन मास की पूर्णिमा तिथि के दिन रक्षाबंधन पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस विशेष दिन पर बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनके अच्छे स्वास्थ्य और उज्जवल भविष्य की प्रार्थना करती हैं। इस विशेष दिन पर कुछ विशेष उपाय करने से साधकों को विशेष लाभ प्राप्त होता है।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraPublished: Sat, 26 Aug 2023 01:21 PM (IST)Updated: Sat, 26 Aug 2023 01:21 PM (IST)
Raksha Bandhan 2023 पर जरूर करें ये खास उपाय।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Raksha Bandhan 2023: हर साल श्रावन महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन रक्षाबंधन पर्व धूम-धाम से मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 30 और 31 अगस्त के दिन मनाया जाएगा। इस विशेष दिन पर बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनके अच्छे स्वास्थ्य और उज्जवल भविष्य की प्रार्थना करती हैं। सनातन धर्म में रक्षाबंधन पर्व का विशेष महत्व है। इस विशेष दिन पर पूजा-पाठ को भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

मान्यता है कि पूर्णिमा तिथि के दिन स्नान-दान और जप-तप करने से साधकों को अक्षय पुन्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में आ रही कई बाधाएं दूर हो जाती है। ज्योतिष शास्त्र में भी रक्षाबंधन और पूर्णिमा तिथि के संबंध में कुछ उपाय बताए गए हैं। जिनका पालन करने से व्यक्ति को विशेष लाभ प्राप्त होता है। आज हम जानेंगे कि रक्षाबंधन के दिन किस चीज को घर लाने से प्राप्त होता है माता लक्ष्मी का आशीर्वाद?

रक्षाबंधन 2023 शुभ मुहूर्त

  • श्रावन पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 30 अगस्त दोपहर 12 बजकर 28 मिनट से

  • श्रावन पूर्णिमा तिथि समाप्त: 31 अगस्त सुबह 08 बजकर 35 मिनट पर

  • धनिष्ठा नक्षत्र: रात्रि 10 बजकर 17 मिनट तक

  • भद्राकाल: सुबह 10 बजकर 42 मिनट से रात्रि 09 बजकर 02 मिनट तक

  • रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त: 30 अगस्त रात्रि 09 बजकर 02 मिनट से रात्रि 10 बजकर 15 मिनट तक

रक्षाबंधन 2023 पर घर ले आएं ये खास चीज

  • रक्षाबंधन के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रिय दक्षिणवर्ती शंख घर लेकर आना चाहिए। इस विशेष दिन पर एक या दो दक्षिणवर्ती शंख घर लेकर आएं।

  • इनमें से एक शंख की पूजा करें और दूसरे शंख को घर में सुख-समृद्धि व सकारात्मक वातावरण के लिए बजाएं। इस बात का ध्यान रखें कि दोनों शंख को जमीन पर ना रखें।

  • मान्यता है कि शंख की नियमित उपासना करने से माता लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होती हैं और साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देती हैं।

  • शंख को स्थापित करते समय दिशा का भी ध्यान रखें। शंख को हमेशा भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी या बाल गोपाल के दाएं ओर रखें। साथ ही इस बात की ध्यान रखें कि शिव जी के निकट शंख न रखा जाए।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहे।


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