Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Raksha Bandhan 2023: रक्षाबंधन पर पहले इन देवों को बांधें राखी, मिलेगा समृद्धि का आशीर्वाद

Raksha Bandhan 2023 रक्षाबंधन हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व प्रत्येक वर्ष सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। रक्षाबंधन के दिन अपने भाई को राखी बांधने से पहले यदि बहने देवताओं को राखी बांधती हैं तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि किन-किन देवताओं को राखी बांधी जा सकती है।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Sun, 27 Aug 2023 05:55 PM (IST)
Hero Image
Raksha Bandhan 2023 रक्षाबंधन पर पहले इन देवों को बांधे राखी।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Raksha Bandhan 2023: रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के रिश्ते की पवित्रता को दर्शाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र या राखी बांधती हैं और भाई के उज्ज्वल भविष्य के लिए कामना करती हैं। वहीं, भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं। इस वर्ष रक्षाबंधन के दिन पंचक और भद्रा काल का निर्माण होने के कारण यह पर्व 2 दिन यानी 30 और 31 अगस्त को मनाया जाएगा। 

इष्ट देव को बांधे राखी

सर्वप्रथम अपने इष्ट देव को राखी बांधनी चाहिए। ऐसा करने से परिवार पर देवताओं की कृपा बनी रहती है। आप रक्षाबंधन के दिन शिवलिंग को भी पहली राखी बांध सकते हैं। ऐसा करने से शिवजी की कृपा से जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है।

कष्ट हरेंगे भगवान गणेश

रक्षाबंधन के दिन भाई को राखी बांधने से पहले गणेश  भगवान को राखी बांधनी चाहिए, फिर उसके बाद अपने भाई को राखी बांधे। ऐसा करने से भाई-बहन के रिश्ते में आ रही समस्याएं दूर होती हैं, और उसके बीच का प्रेम बढ़ता है। साथ ही इससे वह जीवन में आ रहे सभी प्रकार के कष्ट भी दूर होते हैं।

इन देवताओं को बांधे राखी

रक्षाबंधन के दिन हनुमान जी को राखी बांधने से जीवन में आ रहे सभी प्रकार के डर और चिंताएं दूर होती हैं। वहीं भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा को श्रद्धापूर्वक राखी बांधने से रक्षा का आशीर्वाद मिलता है। रक्षाबंधन के दिन भाई को राखी बांधने से पहले बहन को भगवान विष्णु को राखी जरूर बांधनी चाहिए। इससे जीवन में आ रही सभी समस्याएं समाप्त हो जायेगी।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'