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Raksha Bandhan 2023: भाई को राखी बांधते समय क्यों लगाई जाती हैं तीन गांठें, जानिए इसका धार्मिक महत्व

Raksha Bandhan history रक्षाबंधन हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व हर साल सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। भाई को राखी बांधते समय बहन उस राखी में 3 गांठ बांधती हैं इसके पीछे भी धार्मिक कारण छिपे हुए हैं। चलिए जानते हैं राखी में तीन गांठ लगाने का कारण और इसका महत्व।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Wed, 30 Aug 2023 12:52 PM (IST)
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Raksha Bandhan 2023 राखी बांधते समय बहनें क्यों लगाती हैं तीन गांठ?
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Raksha Bandhan 2023: हिंदू धर्म में रक्षाबंधन का पर्व विशेष महत्व रखता है। इस दिन, बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी या रक्षा सूत्र बांधती हैं, और उनकी सफलता के लिए कामना करती हैं। बदले में भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं। साथ ही इस भाईयों द्वारा अपनी बहनों को उपहार भी दिए जाते हैं। भद्रा काल का निर्माण होने के कारण इस वर्ष रक्षाबंधन का पर्व 2 दिन यानी 30 और 31 अगस्त को मान्य होगा।

रक्षाबंधन का महत्व

रक्षाबंधन का पर्व भाई -बहन के रिश्तों की अटूट डोर का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाई की आरती उतारकर, प्रेम के प्रतीक स्वरूप राखी बांधती हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए कामना करती हैं। साथ ही भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देते हैं। भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक के रूप में रक्षाबंधन का पर्व प्राचीन समय से मनाया जा रहा है। 

क्यों लगाई जाती है 3 गांठ

वैसे तो संख्या 3 को कई कार्यों के लिए शुभ नहीं माना जाता, लेकिन राखी की बात करें तो धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं के अनुसार, राखी में तीन गांठ लगाना बेहद शुभ होता है। इन तीन गांठों का संबंध त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश से माना जाता है।

क्या है तीन गांठ का महत्व

मान्यता है कि राखी बांधते समय पहली गांठ भाई की लंबी उम्र के लिए लगाई जाती है, दूसरी गांठ बहन की लंबी उम्र के लिए होती है और तीसरी गांठ भाई-बहन के रिश्ते में प्यार और मिठास लाने के लिए होती है। इसलिए राखी बांधते समय इस उसमें तीन गांठ जरूर लगाएं जिससे आपके और भाई के रिश्ते का प्यार और मिठास बनी रहे।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'