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Raksha Bandhan 2024: रक्षाबंधन की तिलक थाली में क्या-क्या रखना है जरूरी? शामिल करने से बढ़ेगा भाई का सौभाग्य

रक्षाबंधन भाई-बहनों के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है जिसमें बहनें प्यार से अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं। वहीं भाई अपनी बहनों की रक्षा करने का वादा करते हैं। साथ ही उन्हें उपहार देते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल यह त्योहार 19 अगस्त को मनाया जाएगा तो चलिए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Fri, 16 Aug 2024 02:03 PM (IST)
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Raksha Bandhan 2024: रक्षाबंधन की थाली में शामिल करें ये चीजें -

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। रक्षा बंधन, जिसे राखी के नाम से भी जाना जाता है यह एक पारंपरिक हिंदू त्योहार है, जिसका भारत में बहुत अधिक महत्व है। यह पर्व भाई-बहन के बीच के अटूट प्रेम का प्रतीक है। रक्षाबंधन शब्द का अर्थ है - सुरक्षा का बंधन। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बहनें इस दिन (Raksha Bandhan 2024) अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और बदले में भाई अपनी बहन की रक्षा करने की कसमें खाते हैं, तो आइए पूजा से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

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रक्षाबंधन की थाली में शामिल करें ये चीजें (Raksha Bandhan 2024)

रक्षाबंधन की थाली में रोली, अक्षत, हल्दी, नारियल, राखी, दीपक, मावा से बनी मिठाई या फिर खीर आदि चीजों को शामिल करें। ऐसा कहा जाता है कि इनके बिना पूजा अधूरी होती है। साथ ही इन सभी चीजों का थाली में होना आवश्यक होता है, क्योंकि यह पूजा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।

ऐसा माना जाता है कि ये चीजें समृद्धि और शुभता का प्रतीक है, जिसे शामिल करने से भाई के जीवन में सौभाग्य और खुशहाली आती है।

रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त (Raksha Bandhan 2024 Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 19 अगस्त को रात्रि 03 बजकर 43 मिनट तक रहेगी। इसके पश्चात पूर्णिमा तिथि की शुरुआत हो जाएगी। सावन पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त को देर रात 03 बजकर 43 मिनट पर शुरू होगी।

वहीं, इसका समापन 19 अगस्त को होगा। आपको बता दें, इस दिन भद्रा का साया भी रहेगा। ऐसे में समय को देखते हुए ही अपने भाई को राखी बांधें। 

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।