Raksha Bandhan 2024: 18 या 19 अगस्त, कब है रक्षाबंधन? नोट करें राखी बांधने का सही समय
ज्योतिषियों की मानें तो रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2024 Date) पर भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही शिववास योग का भी संयोग बन रहा है। शिववास योग भद्रा के बाद भी है। इस शुभ मुहूर्त में रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु एवं मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 31 Jul 2024 01:25 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Raksha Bandhan 2024: सनातन धर्म में सावन महीने का विशेष महत्व है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत एवं त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें रक्षाबंधन का त्योहार सावन पूर्णिमा पर मनाया जाता है। यह पर्व भाई और बहनों के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस अवसर पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर विधि-विधान से राखी यानी रक्षा सूत्र बांधती हैं। इसमें बहनें सर्वप्रथम जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। इस समय बहनें अपने भाइयों की तरक्की और उन्नति की कामना करती हैं। इसके पश्चात, भाइयों को तिलक लगाकर, आरती उतारकर राखी बांधती हैं। इसके बाद मिठाई खिलाती हैं। भाई भी अपनी बहनों को न केवल उपहार देते हैं, बल्कि जीवन भर खुश रखने, सुख-दुख में भागीदार बनने और रक्षा करने का वचन देते हैं। हालांकि, इस वर्ष सावन पूर्णिमा तिथि को लेकर लोग असमंजस में हैं। साथ ही रक्षाबंधन पर भद्रा का भी साया पड़ने वाला है। आइए, रक्षाबंधन की सही डेट (Raksha Bandhan 2024 Date Kab Hai) और राखी बांधने का सही समय जानते हैं-
रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त (Raksha Bandhan 2024 Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 19 अगस्त को देर रात 03 बजकर 43 मिनट तक है। इसके बाद पूर्णिमा तिथि शुरू होगी। आसान शब्दों में कहें तो अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार सावन पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त को देर रात 03 बजकर 43 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 19 अगस्त को रात 11 बजकर 55 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में सूर्योदय के बाद से तिथि से गणना की जाती है। इसके लिए 19 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन भद्रा का भी साया पड़ रहा है। ज्योतिषियों की मानें तो भद्रा के दौरान राखी बांधना शुभ नहीं होता है।भद्रा योग
ज्योतिषियों की गणना के अनुसार, सावन पूर्णिमा पर भद्रा का साया दोपहर 01 बजकर 32 मिनट तक है। इस दिन भद्रा का साया सुबह 06 बजकर 05 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 32 मिनट तक है। इस समय तक राखी न बांधें। शास्त्र में भद्रा के दौरान शुभ कार्य करने की मनाही होती है। अत: भद्रा के बाद ही राखी बांधें।