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Raksha Bandhan 2024: इन तीन चीजों का प्रतीक हैं राखी में बांधी गई गांठें, बांधने से पहले जरूर जान लें इनका महत्व

हिंदू धर्म में रक्षाबंधन एक महत्वपूर्ण पर्व माना गया है। यह पर्व भाई-बहन के मजबूत रिश्ते का प्रतीक है। इस शुभ दिन पर बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और भाई बदले में भाई अपनी बहन की रक्षा करने की कसमें खाते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2024 Shubh Muhurat) 19 अगस्त को मनाया जाएगा।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 18 Aug 2024 12:46 PM (IST)
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Raksha Bandhan 2024: राखी में तीन गांठें क्यों बांधी जाती है?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। रक्षाबंधन का पर्व हर साल धूमधाम के साथ मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 19 अगस्त, 2024 दिन सोमवार को मनाया जाएगा। यह दिन भाई-बहन के अटूट प्यार और विश्वास का प्रतीक है। वहीं, इस दिन को लेकर लोगों की अपनी- अपनी मान्यताएं हैं, जिसका पालन लोग समर्पण के साथ करते हैं, इनमें से एक परंपरा राखी में तीन गांठें बांधने की भी है, जिसके पीछे का कारण बेहद विशेष है, तो चलिए जानते हैं।

राखी में तीन गांठें क्यों बांधी जाती हैं?

रक्षाबंधन में आपने अक्सर देखा होगा कि भाई की राखी में हमेशा 3 गांठें लगाई जाती हैं। इसके पीछे का कारण बेहद खास है। ऐसी मान्यता है कि इन तीन गांठों का सीधा संबंध त्रिदेव यानी बह्मा, विष्णु और महेश से है। साथ ही यह सुख और सौभाग्य का प्रतिनिधित्व करती हैं।

पहली गांठ भाई की लंबी उम्र, दूसरी गांठ बहन की लंबी उम्र और तीसरी गांठ भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत और मधुर करने के लिए होती है।

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राखी बांधने की तिथि और शुभ मुहूर्त 2024 (Raksha Bandhan 2024 Shubh Muhurat)

वैदिक पंचांग के अनुसार, राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 19 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 32 मिनट के बाद से लेकर रात्रि 09 बजकर 07 तक रहेगा। इस समय आप अपने भाई को राखी बांध सकती हैं। इसके अलावा इस दिन भद्रा का साया सुबह 5 बजकर 53 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 32 मिनट तक रहेगा, जिसके चलते इस दौरान (Raksha Bandhan 2024) राखी बांधने की मनाही है।

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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।