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Ramkrishna Paramhansa: जीवन में उतार लें रामकृष्ण परमहंस के ये विचार, देखने को मिलेंगे पॉजिटिव चेंज

स्वामी रामकृष्ण परमहंस एक महान संत और विचारक होने के साथ-साथ एक समाज सुधारक भी थे। उनकी एक विशेषता यह थी कि वह एकदम सीधी बात किया करते थे। परमहंस जी (Ramkrishna Paramhansa) के शिष्य रहे स्वामी विवेकानंद ने पूरे विश्व में भारत को एक नई पहचान दिलाई। माना जाता है कि स्वामी रामकृष्ण परमहंस सीधे ईश्वर से बात किया करते थे।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Wed, 28 Feb 2024 10:00 PM (IST)
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Ramkrishna Paramhansa: जीवन में उतार लें रामकृष्ण परमहंस के ये विचार।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ramkrishna Paramhansa Ke Vichar: स्वामी विवेकानंद के गुरु रहे रामकृष्ण परमहंस के अनमोल विचार मानव मात्र को प्रेरणा देने का काम करते हैं। उनका मानना था कि आध्यात्मिक चेतना का विकास करके ईश्वर का दर्शन किया जा सकता है। कई लोगों उन्हें भगवान विष्णु का अवतार भी मानते हैं। यदि आप अपने जीवन में रामकृष्ण परमहंस के कुछ विचार अपनाते हैं, तो इससे आपको जीवन में सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

ऐसे प्राप्त होगी ईश्वर की कृपा

रामकृष्ण परमहंस जी का कहना था कि भगवान तक पहुंचने के हमारे रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन अंत में सभी रास्ते भगवान तक ही पहुंचते हैं। उनका मानना यह भी था कि एक भक्त को बुरे विचारों से और बुरे आचरण से बचना चाहिए, तभी वह ईश्वर की कृपा प्राप्त की जा सकती है।  

इस भाव का त्याग जरूरी

स्वामी रामकृष्ण परमहंस का मानना यह भी था कि मनुष्य का अहंकार ही माया है। ऐसे में व्यक्ति को अहंकार को किनारे करके अपने कार्य में लीन रहना चाहिए। क्योंकि जब तक एक व्यक्ति के मन में अहंकार की भावना वास करती है, तब तक उसमें ईश्वर का वास नहीं होता।

इस बात का जरूर रखें ध्यान

स्वामी रामकृष्ण परमहंस जी कहते हैं कि ईश्वर की प्राप्ति के लिए सत्य बोलना जरूरी है, क्योंकि सत्य ही ईश्वर है। ऐसे में व्यक्ति को ईश्वर की प्राप्ति के लिए हमेशा सच के रास्ते पर ही चलना चाहिए और झूठ से बचना चाहिए।

इन विचारों से मिलेगी सफलता

रामकृष्ण परमहंस जी का मानना था कि जो व्यक्ति बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की मदद करते हैं, वह असल में खुद के लिए अच्छे का निर्माण कर रहे हैं। परमहंस जी  यह भी कहते हैं कि अगर एक बार गोता लगाने से तुम्हें मोती न मिले, तो इसका अर्थ यह नहीं है कि समुद्र में रत्न नहीं है। इसका अर्थ है कि अच्छे परिणाम पाने के लिए व्यक्ति को निरंतर मेहनत करते रहना चाहिए।

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