Ayodhya Ram Mandir: इन कारणों से शुभ है प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी का दिन
Ayodhya Bhoomi Pujan भगवान श्री राम को भगवान विष्णु का 7वां अवतार माना गया है। महर्षि वाल्मीकि की संस्कृत रामायण और तुलसीदास जी अवधी में रचित रामचरितमानस भगवान श्री राम की भक्ति से ओतप्रोत ग्रंथ हैं। इन महान ग्रथों में बड़ी ही खूबसूरती के साथ श्री राम जी की महिमा का गुणगान किया गया है। तो आइए प्राण प्रतिष्ठा से जुड़ी हुई कुछ महत्वपूर्ण बातें जानते हैं -
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ram Mandir Pran Pratishtha: आज अयोध्या के साथ पूरे देश के लिए बेहद खास दिन है। नवनिर्मित राम मंदिर में होने जा रही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का सभी देशवासियों को बेसब्री से इंतजार है। राम की के भव्य स्वागत की तैयारी जोरों-शोरों पर है। ज्योतिष कारणों से यह तारीख कोई आम तारीख नहीं है, बल्कि इसके पीछे बहुत-ही खास महत्व छिपा हुआ है। ऐसे में आइए जानते हैं, कि प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी, सोमवार के दिन को ही क्यों चुना गया?
इसलिए चुनी गई ये तारीख
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, त्रेतायुग में प्रभु श्री राम का जन्म अभिजीत मुहूर्त में हुआ था। 22 जनवरी, सोमवार के दिन मृगशीर्ष नक्षत्र में अभिजीत मुहूर्त का संयोग बन रहा है। ऐसे में इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से शुरू होगा जो 12 बजकर 54 मिनट तक रहने वाला है। यही कराण है कि इस तिथि को रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा के लिए चुना गया है। साथ ही यह भी माना जा रहा है कि इस शुभ मुहूर्त में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करने से प्रभु श्री राम सदैव मूर्ति के अंदर विराजमान रहेंगे।
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रामलला मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा मुहूर्त (Prana Pratishtha Muhurat)
सनातन धर्म में कोई भी शुभ कार्य पंचांग के अनुसार, शुभ मुहूर्त देखकर ही किया जाता है। ऐसे में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी 2024 पौस माह के द्वादशी तिथि को चुना गया है। इस विशेष तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, रवि योग जैसे कई शुभ योग बन रहे हैं। इस दौरान प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त 12 बजकर 29 मिनट से 12 बजकर 30 मिनट तक रहने वाला है। इस दौरान मृगशिरा नक्षत्र रहेगा।
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