Ramlala Pran Pratishtha: प्राण प्रतिष्ठा के दौरान इस मंत्र का करें जाप, जानें विधि और पूजा सामग्री लिस्ट
देश-विदेश के लोग अयोध्या के राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होगी। इसके लिए वैदिक अनुष्ठान की शुरुआत हो चुकी है। प्राण प्रतिष्ठा के लिए विधिपूर्वक सभी अनुष्ठान किए जाएंगे। प्राण प्रतिष्ठा के समय विशेष मंत्र का जाप किया जाता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ramlala Pran Pratishtha: देश-विदेश के लोग अयोध्या के राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होगी। इसके लिए वैदिक अनुष्ठान की शुरुआत हो चुकी है। प्राण प्रतिष्ठा के लिए विधिपूर्वक सभी अनुष्ठान किए जाएंगे। इस खास अवसर पर प्राण प्रतिष्ठा के लिए कई प्रकार के भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मान्यता है कि बिना मंत्र के जाप से प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया पूर्ण नहीं मानी जाती है। आइए जानते हैं प्राण प्रतिष्ठा के मंत्र और विधि के बारे में।
प्राण प्रतिष्ठा का मंत्र
प्राण प्रतिष्ठा के समय निम्न मंत्र का जाप किया जाता है।
'मानो जूतिर्जुषतामज्यस्य बृहस्पतिर्यज्ञमिमं, तनोत्वरितष्टं यज्ञ गुम समिम दधातु विश्वेदेवास इह मदयन्ता मोम्प्रतिष्ठ।। अस्यै प्राणा: प्रतिष्ठन्तु अस्यै प्राणा: क्षरन्तु च अस्यै, देवत्य मर्चायै माम् हेति च कश्चन।। ऊं श्रीमन्महागणाधिपतये नम: सुप्रतिष्ठितो भव, प्रसन्नो भव, वरदा भव।'
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प्राण प्रतिष्ठा विधि
भगवान की प्रतिमा को पवित्र नदी या गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद प्रतिमा को कपड़े से पोंछकर नए वस्त्र पहनाएं। फिर मूर्ति को स्थापित कर चंदन लगाएं। अब प्रतिमा का श्रृंगार करें। अब विशेष मंत्रो का जाप कर विधिपूर्वक प्राण प्रतिष्ठा करें। इसके पश्चात भगवान की आरती कर भोग लगाएं। भोग में तुलसी दल को अवश्य शामिल करें। अब लोगों में प्रसाद का वितरण करें।
प्राण प्रतिष्ठा पूजा सामग्री लिस्ट
गंगाजल
श्रीराम जी की प्रतिमा
कुमकुम
तांबे का बर्तन
अक्षत
मिठाई
फल
तुलसी दल
चंदन
घी
फूल
शंख
घंटी
कपूर
प्राण प्रतिष्ठा क्या है
ज्योतिषियों के अनुसार, घर या मंदिर में मूर्ति स्थापना के दौरान प्रतिमा में भगवान की शक्तियों को प्रकाशमान करने के लिए प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। कहा जाता है कि मूर्ति स्थापना के दौरान प्राण प्रतिष्ठा करना बेहद आवश्यक होता है। प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद भगवान की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है।
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