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Rama Ekadashi 2024: रमा एकादशी के दिन तुलसी आरती के बाद करें ये उपाय, प्रसन्न होंगे श्री हरि

पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को श्री हरि की पूजा होती है। इस बार यह व्रत 28 अक्टूबर को रखा जाएगा। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी माता की पूजा-अर्चना करने से जीवन में खुशहाली आती है। वहीं इस दिन (Rama Ekadashi 2024) तुलसी पूजन का भी विशेष महत्व है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 27 Oct 2024 01:43 PM (IST)
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Rama Ekadashi 2024: रमा एकादशी पर करें देवी तुलसी की आरती।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। रमा एकादशी का व्रत बेहद पुण्यदायी माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा होती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, एकादशी प्रति मास शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के 11वें दिन मनाई जाती है। इस बार यह 28 अक्टूबर को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत (Rama Ekadashi 2024) को करने से आर्थिक तंगी से निजात मिलती है। वहीं, ज्योतिष शास्त्र में इस दिन देवी तुलसी की पूजा करने को भी कहा गया है।

ऐसी मान्यता है सुबह उठकर देवी तुलसी की विधि अनुसार, पूजा करें और उनकी आरती करें। इससे घर में कभी धन-धान्य की कमी नहीं रहेगी। साथ ही व्यक्ति के सभी पापों का नाश होगा, तो चलिए यहां पढ़ते हैं।

।।तुलसी माता की आरती।। (Ekadashi Par Karen Maa Tulsi Ki Aarti)

जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता ।

सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता।।

मैय्या जय तुलसी माता।।

सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर।

रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता।

मैय्या जय तुलसी माता।।

तुलसी के उपाय - रमा एकादशी के दिन कठिन व्रत का पालन करें। फिर देवी को लाल चुनरी और लाल चूड़ी अर्पित करें। उनके सामने देसी घी का दीपक जलाएं और फिर आरती करें। आरती के पश्चात ''ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः'' का जाप करें और तुलसी माता का ध्यान करें। इससे जीवन में सकारात्मक बदलाव होने लग जाएंगे।

बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या।

विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता।

मैय्या जय तुलसी माता।।

हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित।

पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता।

मैय्या जय तुलसी माता।।

हिंदू पंचांग के अनुसार, रमा एकादशी तिथि का पूजन समय 8 बजकर 11 मिनट से लेकर 9 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। ऐसे में भक्त इस दौरान विष्णु जी की उपासना करें।

लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में।

मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता।

मैय्या जय तुलसी माता।।

हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी।

प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता।

हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता।

मैय्या जय तुलसी माता।।

जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता।

सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता॥

मैय्या जय तुलसी माता।।

रमा एकादशी के मौके पर तुलसी पूजन का विशेष महत्व है, जो लोग इस दिन माता तुलसी की आराधना करते हैं, उन्हें अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।