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Rama Ekadashi 2024: इन चीजों को खाने से खंडित हो सकता है रमा एकादशी का व्रत, जानें क्या खाएं और क्या नहीं?

रमा एकादशी का व्रत बेहद शुभ माना जाता है। एकादशी प्रति माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से साधक के सभी पापों का नाश होता है तो आइए इस दिन (Rama Ekadashi 2024 Date) क्या खान चाहिए और क्या नहीं जानते हैं।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Fri, 25 Oct 2024 11:02 AM (IST)
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Rama Ekadashi 2024: रमा एकादशी पर क्या खाएं और क्या नहीं?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदुओं में एकादशी व्रत का बड़ा धार्मिक महत्व है, जो हर महीने में दो बार कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। इस बार कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रमा एकादशी मनाई जाएगी, जिसका महत्व कार्तिक माह में पड़ने की वजह से बहुत बढ़ गया है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन श्री हरि की पूजा से जीवन में शुभ परिणाम देखने को मिलते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल रमा एकादशी का व्रत (Rama Ekadashi 2024 Date ) 28 अक्टूबर 2024 को रखा जाएगा,

तो आइए इस दिन क्या खाना चाहिए और क्या नहीं ? (What eat and not on Ekadashi?) उसके बारे में जानते हैं, जिससे आपका व्रत खंडित न हो और आपको उसका पूर्ण फल प्राप्त हो सके।

रमा एकादशी व्रत में क्या खा सकते हैं? (ekadashi vrat me kya khana chahiye)

रमा एकादशी व्रत के पावन दिन पर साधक दूध, दही, फल, शरबत, साबुदाना, बादाम, नारियल, शकरकंद, आलू, मिर्च सेंधा नमक, राजगीर का आटा आदि का सेवन कर सकते हैं। व्रती इस बात का खास ख्याल रखें कि श्री हरि की पूजा के बाद ही कुछ ग्रहण करें। साथ ही प्रसाद बनाते समय पवित्रता का खास ख्याल रखें, जिससे व्रत में किसी प्रकार की दिक्कत न आए।

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रमा एकादशी पर वर्जित है इन चीजों का सेवन (ekadashi vrat me kya nahi khana chahiye)

जो साधक रमा एकादशी का व्रत रख रहे हैं, उन्हें अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि यह व्रत को सफल और असफल बनाने में अहम भूमिक निभाता है और इससे व्रत खंडित भी हो सकता है। ऐसे में व्रती को एकादशी के शुभ अवसर पर अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा इस मौके पर तामसिक भोजन जैस- मांस-मदिरा प्याज, लहसुन आदि से भी दूर रहना चाहिए।

वहीं, इस तिथि पर चावल और नमक का सेवन पूर्णत: वर्जित माना गया है। अगर कोई व्रत न भी कर रहा हो, तो उसे इन चीजों के सेवन से बचना चाहिए।

भगवान विष्णु भोग मंत्र

भगवान विष्णु को भोग लगाते समय इस मंत्र ''त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।'' का जाप करें।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।