Mata Sita: माता सीता ने एक ही साड़ी में बिताया था पूरा वनवास, जानिए क्या थी इसकी खासियत?
श्री राम की पत्नी सीता भी रामायण के प्रमुख पात्रों में से एक हैं। माता सीता ने अपने वनवास के दौरान जो साड़ी पहनी थी वह कोई आम साड़ी नहीं थी बल्कि एक दिव्य साड़ी थी। ऐसा माना जाता है कि यह साड़ी उन्होंने पूरे वनवास के दौरान यानी 14 वर्ष तक पहनी थी। ऐसे में चलिए जानते हैं कि यह साड़ी इतनी दिव्य क्यों थी।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। श्रीरामचरितमानस और रामायण हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथों में से एक हैं, जिसमें मुख्य रूप से श्री राम के चरित्र का वर्णन मिलता है। इसके साथ ही सीता, लक्ष्मण, हनुमान और रावण भी इसके कुछ प्रमुख पात्र हैं। राम जी के साथ-साथ माता सीता और लक्ष्मण ने भी वनवास काटा था। आज हम आपको वनवास के दौरान पहनी गई माता सीता की साड़ी से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं।
उपहार में मिली थी यह साड़ी
रामायण की कथा के अनुसार, वनवास पर जाने से पहले अत्रि ऋषि की पत्नी माता अनसुइया ने माता सीता को एक दिव्य साड़ी भेंट के रूप में दी थी। कथा के अनुसार जब राम जी को 14 वर्ष के लिए वनवास दिया गया, तब उनकी पत्नी सीता और छोटे भाई लक्ष्मण भी वनवास जाने को तैयार हो गए। वनवास जाने से पहले वह तीनों ऋषि अत्रि के आश्रम में गए।
वहां ऋषि अत्रि की पत्नी माता अनसुइया ने तीनों का बहुत अच्छे से आदर सत्कार किया। साथ ही माता अनसुइया ने सीता जी को सतीत्व की शिक्षा भी दी, क्योंकि माता अनसुइया को सबसे पतिव्रता नारी माना जाता था। इस दौरान माता अनसुइया ने सीता जी को पीले रंग की एक दिव्य साड़ी भी उपहार के रूप में दी।
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क्या थी इसकी खासियत
माता सीता ने अपने पूरे वनवास में इसी साड़ी को पहने रखा था। इस साड़ी की विशेषता यह थी कि यह साड़ी न को मैली होती थी और न ही इसे कोई नुकसान पहुंचता था। यही कारण है कि माता सीता के पूरे वनवास के दौरान इस साड़ी को पहनने के बाद भी इसे कोई नुकसान नहीं पहुचा और यह एकदम नई जैसी बनी रही।यह भी पढ़ें - Raman Divo: अनंत-राधिका की शादी में हर जगह हाथ में 'रामन दिवो' लेकर दिखीं नीता अंबानी, जानें क्यों है ये इतना खास?
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