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Ramcharitmanas: यदि घर में है श्रीरामचरितमानस, तो पाठ से पहले जरूर जान लें ये नियम

रामचरितमानस एक ऐसा धार्मिक ग्रंथ है जिसका नियमित रूप से और सच्चे मन से पाठ करने से साधक पर भगवान राम की कृपा बनी रहती है। जिस कारण जीवन की कई समस्याएं भी हल होती चली जाती हैं। ऐसे में यदि आपके घर में रामचरितमानस का पाठ किया जाता है तो इससे पहले कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 30 May 2024 04:24 PM (IST)
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Ramcharitmanas श्रीरामचरितमानस का पाठ करने के नियम।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। जैसा कि नाम से ही ज्ञात होता है, धार्मिक ग्रंथ श्रीरामचरितमानस मुख्य रूप से भगवान राम के चरित्र पर आधारित एक ग्रंथ है। इस ग्रंथ में भगवान राम को एक आदर्श पुरुष के रूप में दर्शाया गया है। ऐसे में अपने घर में नियमित रूप से श्रीरामचरितमानस का पाठ करने से घर के बच्चों पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है।

इस तरह करें पाठ

रामचरित मानस का पाठ करने से पहले चौकी पर एक साफ-सुथरा और सुंदर वस्त्र बिछाएं। इसके बाद भगवान राम की प्रतिमा स्थापित करें। सबसे पहले हनुमान जी का आह्वान करें और इसके बाद गणेश जी का आह्वान करें। इसके बाद रामचरितमानस का पाठ शुरू करें। नियमित रूप  जहां तक संभव हो सके पाठ करें और इसके बाद विराम देते हुए रामायण जी की आरती करें। अगले दिन वहीं से पाठ दोबारा शुरू करें।  

न करें ये गलतियां

रामचरितमानस का पाठ करने से पहले अपने तन मन की स्वच्छता का विशेष रूप से ध्यान रखें। जिस घर में नियमित रूप से रामचरितमानस का पाठ होता है, वहां के सदस्यों को मांस-मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। वहीं लड़ाई-झगड़े की स्थिति से भी दूर रहना चाहिए। रामचरित मानस का पाठ करने वाले घर में स्त्री का अपमान नहीं होना चाहिए।

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मिलते हैं ये लाभ

माना जाता है कि नियमित रूप से रामचरितमानस का पाठ करने से भगवान राम और माता सीता का आशीर्वाद बना रहता है। साथ ही यह भी माना जाता है कि इसकी सहायता से साधक के लिए मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। मान्यताओं के अनुसार, रोजाना घर में रामचरितमानस का पाठ करने से हनुमान जी स्वयं उस घर के लोगों की हर विपदा से रक्षा करते हैं। साथ ही इसके पाठ से नकारात्मकता समाप्त होती है।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।