Ramcharit Manas: रामचरित मानस के पाठ से पहले जरूर ध्यान रखें ये बातें, तभी प्राप्त कर सकेंगे पूर्ण फल
रामचरित मानस को हिंदू धर्म के प्रमुख धार्मिक ग्रंथों में शामिल किया जाता है। इनके रोजाना पाठ से जीवन में अद्भुत लाभ देखने को मिलते हैं। रामचरित मानस व्यक्ति को कई अच्छी शिक्षाएं भी प्रदान करता है। ऐसे में यदि आप भी इसका पाठ करते हैं तो इससे पहले इससे जुड़े कुछ नियम जरूर जान लेने चाहिए ताकि व्यक्ति को केवल इसके अच्छे परिणाम ही प्राप्त हों।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कई हिंदू अनुयायियों के घरों में रोजाना रामचरितमानस का पाठ (Ramcharitmanas Path Ke Niyam) किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि रोजाना इसके पाठ से घर-परिवार में खुशहाली बनी रहती है और साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। ऐसे में चलिए जानते हैं इसके पाठ से संबंधित कुछ जरूरी नियम।
इस तरह करें पाठ
रामचरित मानस का पाठ करने से पहले उस स्थान को अच्छी तरह से साफ कर लेना चाहिए, जहां आप पाठ करने वाले हैं। इसके बाद चौकी पर साफ-सुथरा वस्त्र बिछाएं और उसपर भगवान राम की प्रतिमा स्थापित करें। पाठ शुरू करने से पहले हनुमान जी का आह्वान करें और इसके बाद गणेश जी का आह्वान करें। इसके बाद रामचरितमानस का पाठ शुरू करें। जहां तक संभव हो सके वहां तक पाठ करें और इसके बाद विराम देते हुए राम जी की आरती करें। अगले दिन इसी क्रम से वहीं से पाठ दोबारा शुरू कर दें।
इन बातों का रखें ध्यान
रामचरितमानस के पाठ से पहले व्यक्ति को अपने तन और मन की स्वच्छता विशेष रूप से सुनिश्चित करनी चाहिए। यदि आपके घर में नियमित रूप से रामचरितमानस का पाठ होता है, तो साधक के साथ-साथ उसके परिवार के सदस्यों को भी मांस-मदिरा आदि से दूरी बनानी चाहिए। जिस घर में लड़ाई-झगड़ा होता है या स्त्री का सम्मान नहीं किया जाता, वहां रोजाना रामचरित मानस के पाठ से भी कोई लाभ नहीं मिलता।
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मिलते हैं ये लाभ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिस घर में नियमित रूप से रामचरितमानस का पाठ किया जाता है, उस घर के सदस्यों पर भगवान राम और माता सीता के साथ-साथ हनुमान जी का भी आशीर्वाद बना रहता है। साथ ही मृत्यु के बाद साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऐसा भी कहा जाता है कि जिस घर में रोजाना रामचरित मानस का पाठ किया जाता है, उस घर के लोगों की सहायता स्वयं हनुमान जी करते हैं और उनके ऊपर कोई विपदा नहीं आने देते। इस पवित्र ग्रंथ के रोजाना पाठ से नकारात्मकता भी आपसे दूर बनी रहती है।
यह भी पढ़ें - Mahalaya 2024: कैसे होती है महालया की पूजा? जानें समय और नियमअस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।