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Ramdev Jayanti 2024: आज मनाई जा रही है रामदेव जयंती, राजस्थान में बड़ा ही खास है यह दिन

हर साल भाद्रपद माह में राजस्थान में रामदेव जयंती (Ramdev Jayanti 2024) मनाई जाती है। ऐसे में आज यानी 13 सितंबर को रामदेव जी का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। यह पर्व राजस्थान के लोकदेवता माने गए बाबा रामदेव को समर्पित है। उनके चरित्र और कर्मों के कारण जनमानस ने उन्हें लोक देवता की पदवी से नवाजा। ऐसे में चलिए जानते हैं कि बाबा रामदेव कौन थे।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Fri, 13 Sep 2024 11:56 AM (IST)
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Ramdev Jayanti 2024: आज मनाई जा रही है रामदेव जयंती।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। रामदेव (Ramdev Jayanti 2024 Today चौदहवीं शताब्दी में पोकरण के शासक थे। इन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों और जरूरतमंदों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया था। यही कारण है कि इनकी जयंती राजस्थान में इतने उत्साह के साथ मनाई जाती है। कई मान्यताओं के अनुसार, इन्हें भगवान श्रीकृष्ण के अवतार के रूप में भी देखा जाता है और यह भी माना जाता है कि उनके पास चमत्कारी शक्तियां थीं।

रामदेव जयंती का धार्मिक महत्व (Ramdev Jayanti 2024 Significance)

लोक मान्यताओं के अनुसार, रामदेव जी (Ramdev Jayanti 2024 History) ने अपनी दिव्य शक्तियों की मदद से कई लोगों की सहायता की थी। उन्होंने सभी धर्मों के लोगों का भला किया, चाहे वह किसी भी फिर धर्म या संप्रदाय का हो। यही कारण है कि जहां हिंदू धर्म के लोक उन्हें बाबा रामदेव के रूप में पूजते हैं, वहीं मुस्लिम समाज में "रामसा पीर" के नाम से जाने जाते हैं। यह भी माना जाता है कि रामदेव जी ने कई दिव्यांग लोगों को भी ठीक किया था। कहा जाता है कि जो भी भक्त श्रद्धा भाव के साथ रामदेव जी के दरबार में जाता था, बाबा की कृपा से वह कभी खाली हाथ नहीं लौटा।

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यहां स्थित है मंदिर

बाबा के चमत्कारों और उनकी जरूरतमंदों के प्रति दया भाव को देखकर लोगों में उनकी आस्था बढ़ने लगी। जिससे रामदेव जी की जयंती मनाने की शुरुआत भी हो गई। तभी से हर साल इस पर्व को बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। राजस्थान में पोकरण से करीब 12 किलोमीटर दूर, रुणिचा में जिस स्थान पर बाबा ने समाधि ली थी, आज वहां एक भव्य मंदिर स्थित है, जिसका निर्माण बीकानेर के राजा गंगा सिंह ने करवाया था। यहां भक्त दूर-दूर से उनके दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।