Rang Panchami 2024: इस दिन मनाई जाएगी रंग पंचमी, राधा-कृष्ण से जुड़ा है ये त्योहार
होली की तर्ज पर ही रंग पंचमी का त्योहार भी मनाया जाता है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि इस त्योहार का संबंध भी रंगों से ही है। यह पर्व भारत के कई हिस्सों जैसे मध्य प्रदेश महाराष्ट्र राजस्थान और गुजरात आदि में यह पर्व मुख्य रूप से मनाया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस साल रंग पंचमी का त्योहार कब मनाया जाएगा।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Rang Panchami 2024 Date: होली के पांच दिन बाद यानी चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर रंग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। कई स्थानों पर इस त्योहार का विशेष महत्व माना गया है। मथुरा और वृन्दावन के कुछ मन्दिरों में रंग पंचमी के दिन ही होलिका उत्सव का समापन माना जाता है।
रंग पंचमी का शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)
चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 29 मार्च को रात 08 बजकर 20 मिनट पर हो रहा है। वहीं, इस तिथि का समापन 30 मार्च को रात 09 बजकर 13 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, रंग पंचमी का त्योहार 30 मार्च, शनिवार के दिन मनाया जाएगा।
देवताओं के साथ होली खेलने का समय - सुबह 07 बजकर 46 मिनट से सुबह 09 बजकर 19 मिनट तक
रंग पंचमी का महत्व (Rang Panchami Significance)
मान्यता है कि रंग पंचमी के दिन ही भगवान कृष्ण ने राधा रानी के साथ होली खेली थी। साथ ही यह भी माना जाता है कि इस दिन देवतागण धरती पर आकर रंग, गुलाल या अबीर से होली खेलते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुलाल जब हवा में उड़ाया जाता है और जिस भी व्यक्ति पर यह गुलाल आकर गिरता है, उसे देवी-देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह भी माना जाता है कि इस दिन गुलाल, अबीर आदि देवताओं को अर्पित करने पर कुंडली में मौजूद दोष समाप्त हो सकते हैं।
रंग पंचमी की पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, जब कामदेव में भगवान शिव की तपस्या में विघ्न डाला, तब शिव जी ने क्रोधित होकर उन्हें भस्म कर दिया था। तब देवी रति और अन्य देवताओं के विनती करने पर शिव जी ने कामदेव को पुनः जीवन कर दिया। जिस कारण सभी देवी-देवता प्रसन्न हो गए और उन्होंने रंगोत्सव मनाया। माना जाता है कि इसके बाद से ही रंग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है।डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'