Mangala Gauri Vrat 2024: दुर्लभ 'द्विपुष्कर योग' समेत इन 5 शुभ संयोग में मनाया जाएगा मंगला गौरी व्रत
ज्योतिषियों की मानें तो मंगला गौरी व्रत ( Mangala Gauri Vrat Importance) रखने से अविवाहित लड़कियों की शीघ्र शादी हो जाती है। वहीं विवाहित स्त्रियों के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही पति दीर्घायु होता है। इस अवसर पर विवाहित स्त्रियां स्नान-ध्यान के बाद विधिपूर्वक जगत जननी मां पार्वती संग देवों के देव महादेव की पूजा करती हैं।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 10 Jul 2024 09:25 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mangala Gauri Vrat 2024: सावन माह के हर मंगलवार पर मां पार्वती को समर्पित मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। इस वर्ष सावन महीने की शुरुआत 22 जुलाई से हो रही है। वर्षों बाद ऐसा शुभ संयोग बना है, जब सावन महीने की शुरुआत सोमवार के दिन से हो रही है। अतः सावन माह के प्रथम दिवस पर न केवल भगवान शिव की पूजा की जाएगी, बल्कि सावन सोमवार का व्रत भी रखा जाएगा। इसके अगले दिन सावन माह का पहला मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा। इस व्रत को विवाहित स्त्रियां एवं अविवाहित लड़कियां करती हैं। इस तिथि पर भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा करने से मंगल दोष का प्रभाव कम होता है। ज्योतिषियों की मानें तो सावन माह के पहले मंगलवार पर दुर्लभ 'द्विपुष्कर योग' समेत कई मंगलकारी योग का निर्माण हो रहा है।
शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, सावन माह की शुरुआत 22 जुलाई से हो रही है। इस दिन सावन महीने का पहला सोमवार व्रत रखा जाएगा। इसके अगले दिन प्रथम मंगला गौरी व्रत मनाया जाएगा। सावन माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि 23 जुलाई को सुबह 10 बजकर 23 मिनट तक है। अतः सावन माह का पहला मंगला गौरी व्रत 23 जुलाई को रखा जाएगा।दुर्लभ द्विपुष्कर योग
सावन महीने के पहले मंगलवार पर दुर्लभ द्विपुष्कर योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण ब्रह्म बेला में 05 बजकर 54 मिनट से हो रहा है। वहीं, समापन सुबह 10 बजकर 23 मिनट पर होगा। इस योग में स्नान कर शिव पार्वती की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।