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Jitiya Vrat 2024: जितिया व्रत पर दुर्लभ 'शिववास' योग समेत बन रहे हैं ये अद्भुत संयोग, प्राप्त होगा दोगुना फल

वैदिक पंचांग के अनुसार हर माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी और कालाष्टमी मनाई जाती है। आश्विन माह में यह पर्व 25 सितंबर को मनाया जाएगा। आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर जितिया व्रत (Jitiya Vrat 2024) भी मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं पुत्र की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 19 Sep 2024 07:43 PM (IST)
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Jitiya Vrat 2024: जितिया व्रत का धार्मिक महत्व
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में जितिया पर्व का विशेष महत्व है। यह पर्व हर वर्ष अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। जितिया पर्व बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष 25 सितंबर को अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी है। अत: 25 सितंबर को जितिया व्रत रखा जाएगा। इस दिन विवाहित महिलाएं पुत्र की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। धार्मिक मत है कि जितिया व्रत करने से पुत्र दीर्घायु होता है। ज्योतिषियों की मानें तो जितिया व्रत (Jitiya Vrat 2024) पर शिववास योग समेत कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से व्रती को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। आइए जानते हैं-

जितिया व्रत शुभ मुहूर्त (Jitiya Vrat Shubh Muhurat)

वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 24 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 38 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 25 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर होगा। इसके बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 25 सितंबर को जितिया व्रत है।

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वरीयान योग

जितिया व्रत पर वरीयान का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण देर रात 12 बजकर 18 मिनट तक है। ज्योतिष वरीयान योग को बेहद शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। साथ ही पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

शिववास योग

जितिया व्रत पर शिववास योग का भी संयोग बन रहा है। आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 25 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 10 मिनट तक है। इस योग में जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण और शिवजी की पूजा करने से व्रती को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 11 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 14 मिनट पर

चन्द्रोदय- देर रात 12 बजकर 06 मिनट पर (26 सितंबर)

चंद्रास्त- शाम 04 बजकर 02 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 36 मिनट से 05 बजकर 23 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 13 मिनट से 03 बजकर 01 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 14 मिनट से 06 बजकर 38 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 49 मिनट से 12 बजकर 37 मिनट तक

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।