Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी पर भद्रावास योग का हो रहा है निर्माण, सभी दुखों से मिलेगा छुटकारा
धार्मिक मान्यता है कि भगवान गणेश (Ganesh Chaturthi 2024) की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। ज्योतिष भी कुंडली में बुध ग्रह मजबूत करने के लिए भगवान गणेश की पूजा करने की सलाह देते हैं। भगवान गणेश की पूजा करने से करियर और कारोबार को नया आयाम मिलता है। भगवान गणेश की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sat, 07 Sep 2024 09:24 AM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ganesh Chaturthi 2024: सनातन धर्म में सभी पर्व का विशेष महत्व है। गणेश चतुर्थी के त्योहार को महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पर्व हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। महाराष्ट्र और गुजरात समेत देशभर में गणेशोत्सव का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। धार्मिक मत है कि भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही आर्थिक तंगी से भी मुक्ति मिलती है। ज्योतिषियों की मानें तो गणेश चतुर्थी पर भद्रावास का शुभ संयोग बन रहा है। इसके साथ ही कई अन्य मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से आय और सौभाग्य में वृद्धि होगी। साथ ही भगवान गणेश की कृपा साधक पर बरसेगी। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं।
यह भी पढ़ें: सितंबर महीने में कब है गणेश चतुर्थी? नोट करें सही डेट एवं शुभ मुहूर्त
भद्रावास योग (Bhadravas Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि यानी 07 सितंबर को प्रातः काल 04 बजकर 20 मिनट पर भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। वहीं, गणेश चतुर्थी के दिन संध्याकाल 05 बजकर 37 मिनट पर भद्रावास का समापन होगा। इस दौरान भद्रा पाताल लोक में रहेंगी। सनातन शास्त्रों में निहित है कि भद्रा के पाताल में रहने के दौरान पृथ्वी पर उपस्थित सभी जीवों का कल्याण होता है। इस शुभ योग में भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में व्याप्त सकल दुख एवं कष्ट दूर हो जाएंगे।
गणेश चतुर्थी शुभ योग (Ganesh Chaturthi Shubh Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो गणेश चतुर्थी पर दुर्लभ ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग दिन भर है। वहीं, इस शुभ योग का समापन रात 11 बजकर 17 मिनट पर होगा। इसके बाद इंद्र योग का संयोग बनेगा। वहीं, गणेश चतुर्थी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से हो रहा है। इस तिथि का समापन 08 सितंबर को सुबह 06 बजकर 03 मिनट पर होगा।पंचांग
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 02 मिनट परसूर्यास्त - शाम 06 बजकर 35 मिनट परचन्द्रोदय- सुबह 09 बजकर 30 मिनट परचंद्रास्त- शाम 08 बजकर 44 मिनट परब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 31 मिनट से 05 बजकर 16 मिनट तकविजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 24 मिनट से 03 बजकर 14 मिनट तकगोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 35 मिनट से 06 बजकर 58 मिनट तकनिशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक
यह भी पढ़ें: क्या आप जानते हैं कि 10 दिनों तक ही क्यों मनाई जाती है गणेश चतुर्थी? यहां जानिए कारणअस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।