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Ratha Saptami 2024: रथ सप्तमी पर जरूर करें ये आसान उपाय, प्राप्त होगा सुख-समृद्धि का आशीर्वाद

हिंदू धर्म में सूर्य पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। माना जाता है कि जो व्यक्ति प्रतिदिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देता है उसे सुख-समृद्धि के साथ-साथ करियर में भी तरक्की देखने को मिलती है। ऐसे में आइए जानते हैं रथ सप्तमी के कुछ ऐसे उपाय जो व्यक्ति को जीवन के कई क्षेत्रों में लाभ पहुचा सकते हैं।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 15 Feb 2024 05:34 PM (IST)
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Ratha Saptami 2024: रथ सप्तमी पर जरूर करें ये काम।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Achala Saptami 2024 Date: माघ माह में शुक्ल पक्ष सप्तमी को रथ सप्तमी या अचला सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी तिथि पर सूर्य देव की पहली किरण धरती पर पड़ी थी। ऐसे में सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने के लिए इस तिथि को सबसे उत्तम माना जाता है।

रथ सप्तमी शुभ मुहूर्त (Ratha Saptami Shubh Muhurat)

माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 15 फरवरी को सुबह 10 बजकर 12 मिनट पर प्रारंभ होगी। साथ ही इस तिथि का समापन 16 फरवरी को सुबह 08 बजकर 54 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, रथ सप्तमी 16 फरवरी, शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी। इस दौरान शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहेगा -

रथ सप्तमी के दिन अरुणोदय - सुबह 06 बजकर 35 मिनट पर

रथ सप्तमी के दिन अवलोकनीय सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 59 मिनट पर

रथ सप्तमी के दिन स्नान का मुहूर्त - प्रातः 05 बजकर 17 मिनट से सुबह 06 बजकर 59 मिनट तक

इस विधि से करें पूजा

रथ सप्तमी के दिन सूर्योदय से पहले स्नान कर लें और इसके बाद एक छोटे कलश में जल लेकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दान दें। अब गाय के घी का दीपक जलाएं और सूर्य देव को लाल फूल अर्पित करें। ऐसा करने से साधक को सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।

मान-सम्मान में होगी वृद्धि

रथ सप्तमी के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देते समय तांबे के कलश में पानी लें और उसमें लाल चंदन, लाल फूल, गुड़ आदि मिला लें। माना जाता है कि इस प्रकार से सूर्य को जल अर्पित करने से साधक के मान-सम्मान में वृद्धि होती है। इसके साथ ही आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ भी जरूर करना चाहिए।

सुख-समृद्धि पाने का उपाय

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अचला सप्तमी के दिन पानी में लाल चंदन, गंगा जल, केसर या लाल फूल डालकर स्नान करने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है। जिससे साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'