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Ravana's Curse: सिर्फ नंदी ही नहीं, बल्कि अपनी बहन से भी मिला था रावण को श्राप, जो बना मृत्यु का कारण

रावण पुष्पक विमान और सोने की लंका जैसी कई अद्भुत सम्पतियों का स्वामी था। लंका का राजा होने के कारण रावण को लंकेश या लंकापति भी कहा जाता है। इतना ही नहीं रावण को छह दर्शन और चारों वेद कंठस्थ थे। वह भगवान शिव का परम भक्त भी था। लेकिन इन सब के बावजूद अपने कर्मों के कारण अंत में उसकी भगवान राम के हाथों मृत्यु हुई।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Sat, 10 Feb 2024 04:34 PM (IST)
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Story of Ravana's Curse रावण को मिले थे ये श्राप।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Story of Ravana's Curse: रावण, रामायण के मुख्य पात्रों में से एक है। रावण द्वारा किए गए कृत्यों के कारण उसे कई ऐसे श्राप मिले थे जो उसकी मृत्यु का कारण बने। इनमें नंदी जी से लेकर रावण की बहन द्वारा दिया गया श्राप भी शामिल है। आइए जानते हैं रावण को मिले श्राप कौन-से हैं और इनके पीछे का कारण क्या है।

नंदी से मिला ये श्राप

पौराणिक कथा के अनुसार, रावण भगवान शिव को बहुत बड़ा भक्त था। एक बार जब रावण, भगवान शिव से मिलने के लिए कैलाश पर्वत गया, तो उसने वहां नंदी जी को देखा। रावण ने नंदी जी के स्वरूप का मजाक उड़ाते हुए उन्हें बंदर के समान मुख वाला और वानर कहा। इस बात से नंदी जी क्रोधित हो गए और उन्हें श्राप दिया कि बंदर ही तेरा सर्वनाश का कारण बनेंगे। इसी श्राप के कारण हनुमान जी ने रावण की सोने तहस-नहस कर दी और वानर सेना भी रावण के अंत का कारण बनी।

भगवान राम के वंशज से भी मिला श्राप

रावण को दिए गए श्राप में एक श्राप राजा अनरण्य जो रघुवंश (भगवान राम के वंश में) के ही राजा थे, उनका भी शामिल है। एक बार उनका युद्ध रावण से हुआ। इस युद्ध में राजा अनरण्य की मृत्यु हो गई, लेकिन अपने अंतिम समय में राजा ने रावण को यह श्राप दिया कि मेरे ही वंश में जन्मे व्यक्ति के हाथों तेरी मृत्यु होगी।

यह श्राप बना मृत्यु का कारण

पौराणिक कथा के अनुसार, जब एक बार रावण अपने पुष्पक विमान से यात्रा कर रहा था, तो रास्ते में एक सुंदर महिला को भगवान विष्णु की आराधना करते हुए देखा। वह महिला भगवान विष्णु से विवाह करने के लिए तपस्या कर रही थी। लेकिन रावण उसकी सुंदरता पर मोहित हो गया और उसे अपने साथ जबरदस्ती लेकर जाने लगा। इस पर इस महिला ने अपने प्राण त्याग दिए और रावण को यह श्राप दिया कि एक महिला ही तेरी मृत्यु का कारण बनेगी। इस श्राप के कारणवश जब रावण ने माता सीता का हरण किया तो, यह कृत्य उसकी मृत्यु का कारण भी बना।

स्वर्ग की अप्सरा ने दी चेतावनी

एक बार रावण, स्वर्ग की अप्सरा रंभा पर मोहित हो गया। इस पर रंभा ने उसे चेतावनी भी दी कि वह कुबेर के पुत्र नलकुबेर की अर्धांगिनी बनने जा रही है। ऐसे में रावण को उसे पुत्रवधू के रूप में देखना चाहिए। लेकिन इसके बाद भी रावण नहीं माना। जब यह बात नलकुबेर को पता चली तो वह क्रोधित हो गए और उन्होंने रावण को श्राप दे दिया। श्राप के अनुसार, एक महिला को उसकी इच्छा के विरुद्ध छूने पर उसके सौ टुकड़े हो जाएंगे।

अपनी बहन से भी मिला श्राप

सूर्पनखा जो रावण की बहन है, माना जाता है कि उसके द्वारा भी रावण को एक श्राप दिया गया है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, शूर्पणखा का विवाह विद्युतजिव्ह से हुआ था, जो राजा कालकेय का सेनापति था। रावण जब विश्व विजय पर निकला, तो उसका कालकेय से भी युद्ध हुआ। इस युद्ध में शूर्पणखा के पति विद्युतजिव्ह की भी मृत्यु हो गई। इस पर शूर्पणखा ने रावण को यह श्राप दिया कि मैं ही तेरे सर्वनाश का कारण बनूंगी।

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