Ravi Pradosh Vrat 2023: आज प्रदोष काल में जरूर करें इस चमत्कारी स्तोत्र का पाठ, सभी संकटों से मिलेगी निजात
इस व्रत के पुण्य प्रताप से साधक को आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही घर में सुख समृद्धि और खुशहाली आती है। अतः साधक प्रदोष व्रत को संध्याकाल में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करते हैं। अगर आप भी अपने जीवन में व्याप्त दुख और संकट से निजात पाना चाहते हैं तो आज प्रदोष काल में विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करें।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ravi Pradosh Vrat 2023: आज रवि प्रदोष व्रत है। यह व्रत हर महीने कृष्ण और कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से साधक को आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। शास्त्रों में भगवान शिव जी की पूजा प्रदोष काल में करने का विधान है। अतः साधक प्रदोष व्रत को संध्याकाल में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करते हैं। अगर आप भी अपने जीवन में व्याप्त दुख और संकट से निजात पाना चाहते हैं, तो आज प्रदोष काल में विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय इस चमत्कारी स्तोत्र का पाठ करें।
यह भी पढ़ें: जीवन आश्चर्य और सुनिश्चितता दोनों का मिश्रण है
शिव प्रदोष स्तोत्र
जय देव जगन्नाथ जय शंकर शाश्वत ।
जय सर्वसुराध्यक्ष जय सर्वसुरार्चित ।।
जय सर्वगुणातीत जय सर्ववरप्रद ।
जय नित्यनिराधार जय विश्वम्भराव्यय ।।
जय विश्वैकवन्द्येश जय नागेन्द्रभूषण ।
जय गौरीपते शम्भो जय चन्द्रार्धशेखर ।।
जय कोट्यर्कसंकाश जयानन्तगुणाश्रय ।
जय भद्र विरुपाक्ष जयाचिन्त्य निरंजन ।।
जय नाथ कृपासिन्धो जय भक्तार्तिभंजन ।
जय दुस्तरसंसारसागरोत्तारण प्रभो ।।
प्रसीद मे महादेव संसारार्तस्य खिद्यत: ।
सर्वपापक्षयं कृत्वा रक्ष मां परमेश्वर ।।
महादारिद्रयमग्नस्य महापापहतस्य च ।
महाशोकनिविष्टस्य महारोगातुरस्य च ।।
ऋणभारपरीतस्य दह्यमानस्य कर्मभि: ।
ग्रहै: प्रपीड्यमानस्य प्रसीद मम शंकर ।।
दरिद्र: प्रार्थयेद् देवं प्रदोषे गिरिजापतिम् ।
अर्थाढ्यो वाऽथ राजा वा प्रार्थयेद् देवमीश्वरम् ।।
दीर्घमायु: सदारोग्यं कोशवृद्धिर्बलोन्नति: ।
ममस्तु नित्यमानन्द: प्रसादात्तव शंकर ।।
शत्रव: संक्षयं यान्तु प्रसीदन्तु मम प्रजा: ।
नश्यन्तु दस्यवो राष्ट्रे जना: सन्तु निरापद: ।।
दुर्भिक्षमारिसंतापा: शमं यान्तु महीतले ।
सर्वसस्यसमृद्धिश्च भूयात् सुखमया दिश: ।।
एवमाराधयेद् देवं पूजान्ते गिरिजापतिम् ।
ब्राह्मणान् भोजयेत् पश्चाद् दक्षिणाभिश्च पूजयेत् ।।
सर्वपापक्षयकरी सर्वरोगनिवारिणी ।
शिवपूजा मयाख्याता सर्वाभीष्टफलप्रदा ।।
यह भी पढ़ें: अनुभव करने की शक्ति से ही धर्म बनता है
प्रदोष स्तोत्र के लाभ
शास्त्रों में वर्णित है कि प्रतिदिन प्रदोष स्तोत्र का पाठ करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन से दरिद्रता दूर हो जाती है। इसके अलावा, इस स्तोत्र के पाठ से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार की शारीरिक और मानसिक पीड़ा से मुक्ति मिलती है।
डिस्क्लेमर- 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी'।