Pradosh Vrat 2024: करियर में होगा लाभ, मिलेगा खोया हुआ सम्मान, रवि प्रदोष पर करें भगवान शिव के नामों का जाप
इस मास रवि प्रदोष (Ravi Pradosh vrat 2024) का उपवास 21 अप्रैल को रखा जाएगा। ऐसा माना जाता है कि जो साधक इस दिन भगवान शंकर की उपासना करते हैं उन्हें भौतिक सुखों का वरदान मिलता है। ऐसे में अगर आप भगवान शिव के साथ सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको रवि प्रदोष व्रत जरूर करना चाहिए।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Pradosh Vrat 2024: रवि प्रदोष व्रत का सीधा संबंध सूर्य देव से है और इस दिन देवों के देव महादेव की पूजा का विधान है। इस माह यह व्रत 21 अप्रैल, 2024 को रखा जाएगा। ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस दिन भगवान शिव की उपासना करते हैं उन्हें भौतिक सुखों का वरदान मिलता है। साथ ही कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है।
ऐसे में अगर आप भगवान शिव के साथ सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको रवि प्रदोष व्रत जरूर करना चाहिए। इससे आपको करियर में लाभ मिलेगा और खोया हुआ सम्मान दोबारा प्राप्त होगा।
''भगवान शिव के 108 नाम''
1. ॐ महाकाल नमः2. ॐ भीमेश्वर नमः
3. ॐ विषधारी नमः4. ॐ बम भोले नमः5. ॐ विश्वनाथ नमः
6. ॐ अनादिदेव नमः7. ॐ उमापति नमः8. ॐ गोरापति नमः9. ॐ गणपिता नमः10. ॐ ओंकार स्वामी नमः11. ॐ ओंकारेश्वर नमः12. ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः13. ॐ भोले बाबा नमः14. ॐ शिवजी नमः15. ॐ रुद्रनाथ नमः
16. ॐ भीमशंकर नमः17. ॐ नटराज नमः18. ॐ प्रलेयन्कार नमः19. ॐ चंद्रमोली नमः20. ॐ डमरूधारी नमः21. ॐ चंद्रधारी नमः22. ॐ दक्षेश्वर नमः23. ॐ घ्रेनश्वर नमः24. ॐ मणिमहेश नमः25. ॐ अनादी नमः
26. ॐ अमर नमः27. ॐ आशुतोष महाराज नमः28. ॐ विलवकेश्वर नमः29. ॐ भोलेनाथ नमः30. ॐ कैलाश पति नमः31. ॐ भूतनाथ नमः32. ॐ नंदराज नमः33. ॐ नन्दी की सवारी नमः34. ॐ ज्योतिलिंग नमः
35. ॐ मलिकार्जुन नमः36. ॐ शम्भु नमः37. ॐ नीलकंठ नमः38. ॐ महाकालेश्वर नमः39. ॐ त्रिपुरारी नमः40. ॐ त्रिलोकनाथ नमः41. ॐ त्रिनेत्रधारी नमः42. ॐ बर्फानी बाबा नमः43. ॐ लंकेश्वर नमः
44. ॐ अमरनाथ नमः45. ॐ केदारनाथ नमः46. ॐ मंगलेश्वर नमः47. ॐ अर्धनारीश्वर नमः48. ॐ नागार्जुन नमः49. ॐ जटाधारी नमः50. ॐ नीलेश्वर नमः51. ॐ जगतपिता नमः52. ॐ मृत्युन्जन नमः
53. ॐ नागधारी नमः54. ॐ रामेश्वर नमः55. ॐ गलसर्पमाला नमः56. ॐ दीनानाथ नमः57. ॐ सोमनाथ नमः58. ॐ जोगी नमः59. ॐ भंडारी बाबा नमः60. ॐ बमलेहरी नमः61. ॐ गोरीशंकर नमः62. ॐ शिवाकांत नमः
63. ॐ महेश्वराए नमः64. ॐ महेश नमः65. ॐ संकटहारी नमः66. ॐ महेश्वर नमः67. ॐ रुंडमालाधारी नमः68. ॐ जगपालनकर्ता नमः69. ॐ पशुपति नमः70. ॐ संगमेश्वर नमः71. ॐ अचलेश्वर नमः72. ॐ ओलोकानाथ नमः
73. ॐ आदिनाथ न74. ॐ देवदेवेश्वर नमः75. ॐ प्राणनाथ नमः76. ॐ शिवम् नमः77. ॐ महादानी नमः78. ॐ शिवदानी नमः79. ॐ अभयंकर नमः80. ॐ पातालेश्वर नमः81. ॐ धूधेश्वर नमः82. ॐ सर्पधारी नमः
83. ॐ त्रिलोकिनरेश नमः84. ॐ हठ योगी नमः85. ॐ विश्लेश्वर नमः86. ॐ नागाधिराज नमः87. ॐ सर्वेश्वर नमः88. ॐ उमाकांत नमः89. ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः90. ॐ त्रिकालदर्शी नमः91. ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः92. ॐ महादेव नमः93. ॐ गढ़शंकर नमः94. ॐ मुक्तेश्वर नमः95. ॐ नटेषर नमः96. ॐ गिरजापति नमः97. ॐ भद्रेश्वर नमः98. ॐ त्रिपुनाशक नमः99. ॐ निर्जेश्वर नमः100. ॐ किरातेश्वर नमः101. ॐ जागेश्वर नमः102. ॐ अबधूतपति नमः103. ॐ भीलपति नमः104. ॐ जितनाथ नमः105. ॐ वृषेश्वर नमः106. ॐ भूतेश्वर नमः107. ॐ बैजूनाथ नमः108. ॐ नागेश्वर नमःयह भी पढ़ें: शाकाहार होते हुए भी पूजा-पाठ और व्रत में क्यों होती है लहसुन-प्याज की मनाही? पढ़िए इससे जुड़ी पौराणिक कथाडिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी'।