Ravi Pradosh Vrat 2024: आज इस शुभ समय पर करें रवि प्रदोष की पूजा, बनेंगे धन-संपदा में वृद्धि के योग
सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का खास महत्व है। इस दिन शिव जी की पूजा करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। मई माह का पहला प्रदोष व्रत 5 मई (Ravi Pradosh Vrat 2024) यानी आज रखा जाएगा। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शंकर की उपासना करने से जीवन के दुखों का अंत होता है। इसके साथ ही सभी कार्यों में सफलता मिलती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ravi Pradosh Vrat 2024: प्रदोष भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। इस शुभ दिन पर लोग व्रत रखते हैं और अपने परिवार की उन्नति के लिए भोलेनाथ से प्रार्थना करते हैं। महीने में दो प्रदोष व्रत आते हैं। इस बार यह व्रत 5 मई, 2024 दिन रविवार यानी आज मनाया जा रहा है, इसे रवि प्रदोष के नाम से जाना जाता है। इस दिन को लेकर लोगों की अपनी - अपनी मान्यताएं हैं, तो आइए कुछ महत्वपूर्ण नियमों को जानते हैं -
रवि प्रदोष व्रत 2024 तिथि और पूजा समय
- त्रयोदशी तिथि की शुरुआत - 5 मई, 2024 - शाम 05 बजकर 41 मिनट से
- त्रयोदशी तिथि का समापन- 6 मई, 2024 - दोपहर 02 बजकर 40 मिनट तक।
- पूजा का समय - 5 मई, 2024 - शाम 06 बजकर 12 मिनट से रात 08 बजकर 24 मिनट तक
रवि प्रदोष व्रत 2024 पूजन नियम
- पूजा अनुष्ठान शुरू करने से पहले सुबह जल्दी उठें और स्नान करें।
- भगवान शंकर और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
- देसी घी का दीपक जलाएं और प्रतिमा को फूल व माला से सजाएं।
- उन्हें खीर, हलवा और फल जैसी मिठाइयों का भोग लगाएं।
- प्रदोष व्रत कथा, पंचाक्षरी मंत्र और महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- प्रदोष पूजा शाम के समय ज्यादा फलदायी मानी जाती है, इसलिए प्रदोष काल में ही पूजा करें।
- व्रत सात्विक भोजन से ही खोलें।
पंचाक्षरी मंत्र
1. ॐ नम: शिवाय।।भगवान शंकर का नमस्कार मंत्र
2. शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।। ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।
शिव जी का गायत्री मंत्र
3. ।। ओम तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात ।।
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