Mithun Sankranti 2024: रवि योग समेत इन 03 शुभ योग में मनाई जाएगी मिथुन संक्रांति, प्राप्त होगा कई गुना फल
सनातन धर्म में संक्रांति तिथि पर स्नान-ध्यान पूजा जप-तप और दान-पुण्य किया जाता है। इस दिन साधक स्नान करने के बाद श्रद्धा भाव से सूर्य देव की पूजा करते हैं। धार्मिक मत है कि सूर्य उपासना करने से करियर और कारोबार को नया आयाम मिलता है। साथ ही आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। इस दिन महेश नवमी भी है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mithun Sankranti 2024: ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 15 जून को मिथुन संक्रांति है। इस दिन आत्मा के कारक सूर्य देव वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में गोचर करेंगे। अतः 15 जून को मिथुन संक्रांति मनाई जाएगी। सनातन धर्म में संक्रांति तिथि पर स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप और दान-पुण्य किया जाता है। ज्योतिषियों की मानें तो मिथुन संक्रांति तिथि पर रवि योग का संयोग बन रहा है। इसके अलावा, शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। इन योग में सूर्य उपासना करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। साथ ही सभी प्रकार के रोग और कष्ट दूर हो जाएंगे। आइए, इन योग के बारे में जानते हैं-
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रवि योग
मिथुन संक्रांति तिथि पर रवि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 08 बजकर 14 मिनट से हो रहा है, जो दिन भर है। इस योग का समापन 16 जून को सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर हो रहा है। ज्योतिष रवि योग को बेहद मंगलकारी मानते हैं। इस योग में सूर्य उपासना करने से साधक को आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होगा।
शिववास योग
मिथुन संक्रांति पर शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। इस दिन देवों के देव महादेव कैलाश पर जगत जननी मां पार्वती के साथ विराजमान रहेंगे। भगवान शिव 16 जून को देर रात 02 बजकर 32 मिनट तक मां गौरी के साथ रहेंगे। इस दौरान भगवान शिव का अभिषेक करने से घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है।
हस्त नक्षत्र
मिथुन संक्रांति पर हस्त नक्षत्र का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष शुभ कार्यों के लिए हस्त नक्षत्र को उत्तम मानते हैं। इस नक्षत्र के संयोग में सूर्य उपासना करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। साथ ही करियर को नया आयाम मिलेगा।
पंचांग
सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 21 मिनट पर
चन्द्रोदय- दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर
चंद्रास्त- देर रात 01 बजकर 18 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 03 मिनट से 04 बजकर 43 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 41 मिनट से 03 बजकर 37 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 19 मिनट से 07 बजकर 39 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक
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