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Ravivar Ke Niyam: रविवार को भूलकर भी न करें ये कार्य, वरना में आ सकती हैं कई परेशानियां

धार्मिक मान्यता है कि जातक पर सूर्य देव (Surya Dev) की कृपा होने से जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। ज्योतिषियों के अनुसार रविवार को सुबह स्नान करने के बाद सूर्य देव की पूजा और व्रत करने से इंसान के सभी तरह के दुख दूर होते हैं। साथ ही करियर और कारोबार में सफलता प्राप्त होती है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sat, 25 May 2024 09:00 PM (IST)
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Ravivar Ke Niyam: रविवार को भूलकर भी न करें ये कार्य, वरना में आ सकती हैं कई परेशानियां

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ravivar Ke Niyam: सनातन धर्म में रविवार का दिन भगवान सूर्य देव को समर्पित है। मान्यता है कि जातक पर सूर्य देव की कृपा होने से जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। ज्योतिषियों के अनुसार, रविवार को सुबह स्नान करने के बाद सूर्य देव की पूजा और व्रत करने से इंसान के सभी तरह के दुख दूर होते हैं। साथ ही करियर और कारोबार में सफलता प्राप्त होती है। ऐसा माना जाता है कि रविवार के दिन कुछ वर्जित कार्यों को करने से जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि रविवार के दिन किन कार्यों को करने से बचना चाहिए।

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न करें ये कार्य

  • रविवार के दिन लोहे से बनी चीजों नहीं खरीदना चाहिए। साथ ही नई गाड़ी खरीदने से दुर्घटना के योग बन सकते हैं।
  • रविवार के दिन पश्चिम दिशा की ओर से यात्रा करने से बचना चाहिए। यदि इस दिन किसी जरुरी काम से आपको यात्रा करनी है, तो घी का सेवन करने के बाद ही घर से निकले।
  • इसके अलावा पीपल के पेड़ की पूजा-अर्चना नहीं करनी चाहिए। मान्यता है कि इससे घर में दरिद्रता का आगमन होता है। साथ ही तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए।
  • रविवार के दिन बाल कटवाना वर्जित है। माना जाता है कि बाल कटवाने से सूर्य कमजोर होता है।
  • रविवार के दिन काले और नीले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए। अगर आप भगवान सूर्य देव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस दिन लाल रंग वस्त्र धारण करें।
  • इसके आलावा इस दिन मांस-मदिरा का भी सेवन नहीं करना चाहिए।

पूजा के दौरान जरूर करें इन मंत्रों का जाप

सूर्य पौराणिक मंत्र

जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम ।

तमोरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोsस्मि दिवाकरम ।।

सूर्य वैदिक मंत्र

ऊँ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यण्च ।

हिरण्य़येन सविता रथेन देवो याति भुवनानि पश्यन ।।

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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।