Mahalaxmi Chalisa: आज पूजा के समय करें इस चमत्कारी चालीसा का पाठ और आरती, दूर होंगे सभी दुख और संताप
इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही लक्ष्मी वैभव का व्रत भी रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से साधक के जीवन में व्याप्त सभी प्रकार की धन संबंधी परेशानी दूर हो जाती है। इस व्रत को स्त्री और पुरुष सभी कर सकते हैं। इस व्रत को सप्ताह अंतर रख कर भी किया जा सकता है।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Fri, 17 Nov 2023 07:00 AM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mahalaxmi Chalisa: सनातन धर्म में शुक्रवार का दिन धन की देवी एवं सुखी समृद्धि दात्री मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही लक्ष्मी वैभव का व्रत भी रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से साधक के जीवन में व्याप्त सभी प्रकार की धन संबंधी परेशानी दूर हो जाती है। इस व्रत को स्त्री और पुरुष सभी कर सकते हैं। इस व्रत को सप्ताह अंतर रख कर भी किया जा सकता है। अतः साधक श्रद्धा भाव से लक्ष्मी वैभव का व्रत करते हैं। अगर आप भी मां लक्ष्मी की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो शुक्रवार के दिन पूजा के समय मां लक्ष्मी चालीसा का पाठ अवश्य करें।
महालक्ष्मी चालीसा
दोहाजय जय श्री महालक्ष्मीकरूँ माता तव ध्यान
सिद्ध काज मम किजियेनिज शिशु सेवक जान
चौपाई
नमो महा लक्ष्मी जय माता ,तेरो नाम जगत विख्याताआदि शक्ति हो माता भवानी,
पूजत सब नर मुनि ज्ञानीजगत पालिनी सब सुख करनी,निज जनहित भण्डारण भरनीश्वेत कमल दल पर तव आसन ,मात सुशोभित है पद्मासनश्वेताम्बर अरू श्वेता भूषणश्वेतही श्वेत सुसज्जित पुष्पनशीश छत्र अति रूप विशाला,गल सोहे मुक्तन की मालासुंदर सोहे कुंचित केशा,विमल नयन अरु अनुपम भेषाकमल नयन समभुज तव चारि ,सुरनर मुनिजनहित सुखकारी
अद्भूत छटा मात तव बानी,सकल विश्व की हो सुखखानीशांतिस्वभाव मृदुलतव भवानी ,सकल विश्व की हो सुखखानीमहालक्ष्मी धन्य हो माई,पंच तत्व में सृष्टि रचाईजीव चराचर तुम उपजाये ,पशु पक्षी नर नारी बनायेक्षितितल अगणित वृक्ष जमाए ,अमित रंग फल फूल सुहाएछवि विलोक सुरमुनि नर नारी,करे सदा तव जय जय कारीसुरपति और नरपति सब ध्यावें,
तेरे सम्मुख शीश नवायेंचारहु वेदन तब यश गाये,महिमा अगम पार नहीं पायेजापर करहु मात तुम दाया ,सोइ जग में धन्य कहायापल में राजाहि रंक बनाओ,रंक राव कर बिमल न लाओजिन घर करहुं मात तुम बासा,उनका यश हो विश्व प्रकाशाजो ध्यावै से बहु सुख पावै,विमुख रहे जो दुख उठावैमहालक्ष्मी जन सुख दाई,ध्याऊं तुमको शीश नवाई
निज जन जानी मोहीं अपनाओ,सुख संपत्ति दे दुख नशाओॐ श्री श्री जयसुखकी खानी,रिद्धि सिद्धि देउ मात जनजानीॐ ह्रीं- ॐ ह्रीं सब व्याधिहटाओ,जनउर विमल दृष्टिदर्शाओॐ क्लीं- ॐ क्लीं शत्रु क्षय कीजै,जनहीत मात अभय वर दीजैॐ जयजयति जय जयजननी,सकल काज भक्तन के करनीॐ नमो-नमो भवनिधि तारणी,तरणि भंवर से पार उतारिनीसुनहु मात यह विनय हमारी,
पुरवहु आस करहु अबारीऋणी दुखी जो तुमको ध्यावै,सो प्राणी सुख संपत्ति पावैरोग ग्रसित जो ध्यावै कोई,ताकि निर्मल काया होईविष्णु प्रिया जय जय महारानी,महिमा अमित ना जाय बखानीपुत्रहीन जो ध्यान लगावै,पाये सुत अतिहि हुलसावैत्राहि त्राहि शरणागत तेरी,करहु मात अब नेक न देरीआवहु मात विलंब ना कीजै,हृदय निवास भक्त वर दीजै
जानूं जप तप का नहीं भेवा,पार करो अब भवनिधि वन खेवाविनवों बार बार कर जोरी,पुरण आशा करहु अब मोरीजानी दास मम संकट टारौ ,सकल व्याधि से मोहिं उबारोजो तव सुरति रहै लव लाई ,सो जग पावै सुयश बढ़ाईछायो यश तेरा संसारा ,पावत शेष शम्भु नहिं पाराकमल निशदिन शरण तिहारि,करहु पूरण अभिलाष हमारीदोहा
महालक्ष्मी चालीसा
पढ़ै सुने चित्त लायताहि पदारथ मिलै अबकहै वेद यश गाययह भी पढ़ें : जानें, नहाय खाय के दिन क्या करें और किन चीजों से करें परहेज