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Jaldi Vivah Ke Upay : शादी में आ रही है बाधा? तो इन उपायों और मंत्र के जाप से जल्द बजेगी शहनाई

भगवान विष्णु की पूजा करने से विवाहित महिलाओं को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरुवार के दिन कुछ विशेष मंत्रों का जाप करने से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं। अगर आपकी शादी में किसी तरह की कोई रुकावट आ रही है तो ऐसे में गुरुवार के दिन कुछ विशेष मंत्रों का जाप और उपाय करना फलदायी होता है।

By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik SharmaUpdated: Wed, 14 Feb 2024 02:57 PM (IST)
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शादी में आए रही है बाधा? तो इन उपायों और मंत्र के जाप से जल्द बजेगी शहनाई

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Jaldi Vivah Upay and Mantra: सनातन धर्म में सप्ताह के सभी दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है। गुरुवार के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से विवाहित महिलाओं को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरुवार के दिन कुछ विशेष मंत्रों का जाप करने से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं। अगर आपकी शादी में किसी तरह की कोई रुकावट आ रही है, तो ऐसे में गुरुवार के दिन कुछ विशेष मंत्रों का जाप और उपाय करना फलदायी होता है। आइए जानते हैं उन मंत्रों और उपायों के बारे में।

शीघ्र विवाह के उपाय

अगर आपकी शादी में कोई बाधा आ रही है, तो प्रत्येक दिन सुबह नहाने के बाद भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करें और मां पार्वती चालीसा का पाठ अवश्य करें। साथ ही भगवान को विशेष चीजों का भोग लगाएं। माना जाता है कि ऐसा करने से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।

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अगर कुंडली में शुक्र कमजोर होने के कारण शादी में बाधा आ रही है, तो शुक्रवार के दिन गंगाजल में काले तिल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। माना जाता है कि इस उपाय को करने से कुंडली में शुक्र मजबूत होता है। इसके अलावा अन्य अशुभ ग्रहों का असर भी कम हो जाता है।

शीघ्र विवाह के मंत्र

1.कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि ।

नन्द गोपसुतं देविपतिं मे कुरु ते नमः ॥

2.ॐ ग्रां ग्रीं ग्रों स: गुरूवे नम:

3.हे गौरी शंकरार्धांगि । यथा त्वं शंकरप्रिया ।|

तथा माँ कुरु कल्याणि । कान्त कांता सुदुर्लभाम्।।

4.ॐ देवेन्द्राणि नमस्तुभ्यं देवेन्द्रप्रिय भामिनि।

विवाहं भाग्यमारोग्यं शीघ्रं च देहि मे ।।

5.ॐ शं शंकराय सकल जन्मार्जित पाप विध्वंस नाय पुरुषार्थ

चतुस्टय लाभाय च पतिं मे देहि कुरु-कुरु स्वाहा ।।

6.ॐ देवेन्द्राणि नमस्तुभ्यं देवेन्द्रप्रिय भामिनि ।

विवाहं भाग्यमारोग्यं शीघ्रलाभं च देहि मे ॥

7.मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।

मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥

8.ॐ सृष्टिकर्ता मम विवाह कुरु कुरु स्वाहा

9.क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा

10.ॐ श्रीं वर प्रदाय श्री नमः

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डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

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