Shani Ke Upay: शनिदेव के प्रकोप से बचने के उपाय, बस आपको करने पड़ेंगे ये 6 कार्य
शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए शनिवार के दिन कटोरी में सरसों का तेल रखकर अपना चेहरा देखें और उस तेल को किसी गरीब को दान कर दें। इससे शनिदेव का क्रोध धीरे-धीरे शांत हो जाता है।
By Ritesh SirajEdited By: Updated: Sat, 26 Jun 2021 04:30 PM (IST)
Shani Ke Upay: शनिदेव को क्रोधित होने में बिल्कुल भी समय नहीं लगता है। क्रोध की वजह से इनके पिता सूर्य से इनकी हमेशा अनबन रहती है। हालांकि शनि को ग्रहों के राजा का दर्जा प्राप्त है। ये भगवान शिव के अनन्य भक्त हैं। भोलेनाथ इनको न्याय का देवता कहते हैं। शनिदेव को बहुत जल्दी क्रोध आता है। इनके क्रोध का शिकार होने वाले व्यक्ति की जिंदगी नर्क के समान हो जाती है और उस पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ता है, इसलिए इनके क्रोध से बचने और खुश रखने के लिए व्यक्ति अनेक उपाय करता है।
शनिदेव के प्रकोप से बचने के उपायशनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए शनिवार के दिन कटोरी में सरसों का तेल रखकर अपना चेहरा देखें और उस तेल को किसी गरीब को दान कर दें। इससे शनिदेव का क्रोध धीरे-धीरे शांत हो जाता है।
शनि के प्रकोप से बचने के लिए अगर काले रंग के हाथियों को भोजन करवाएं और उनकी सेवा करने से शनिदेव अत्यधिक खुश होते हैं।
शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए शनिवार के दिन अपने घर के आसपास टहल रहे काले कुत्ते को रोटी में सरसों का तेल लगाकर खिलाना चाहिए। इससे शनि की नाराजगी कम होती है।
शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए बंजरगबली की पूजा अर्चना कर सकते हैं। लंका में रावण के पास बंदी बने शनिदेव को भगवान हनुमान ने मुक्त कराया था। इसी वजह से शनिवार को हनुमान पूजा से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए घर की छत पर आने वाले कौवों को शनिवार के दिन काले जामुन खिलाने से शनि का गुस्सा जल्द शांत होता है।
शनिदेव को काली चीजें बहुत ज्यादा पंसद है, इसीलिए इस दिन लोहा और काले तिल खरीदना शनिदेव का अपमान माना जाता है।हमें ऐसी कार्यों से बचना चाहिए। शनि के खुश होने पर व्यक्ति के जीवन में सुख और वैभव की प्राप्ति होती है।डिसक्लेमर'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।