Roti Ke Upay: रोटी कर सकती है कई समस्याओं का हल, रोजाना करें ये सरल उपाय
रोटी भारतीय भोजन का एक जरूरी हिस्सा है। कई घरों में सुबह-शाम रोटी बनाई जाती है। रोटी के बासी हो जाने पर ज्यादातर लोग इसे किसी जानवर को खिला देते हैं। लेकिन ज्योतिष शास्त्र की मानें तो रोटी के कुछ सरल उपाय आपको कई तरह की समस्याओं से निजात दिला सकते हैं। चलिए जानते हैं रोटी के कुछ आसान उपाय।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्योतिष शास्त्र में ऐसे कई उपाय बताए गए हैं, जो व्यक्ति के जीवन को आसान बनाने में मदद करते हैं। इसी प्रकार ज्योतिष शास्त्र में रोटी से जुड़ कुछ उपाय भी बताए गए हैं, जिन्हें करने से व्यक्ति को ग्रहों के प्रभाव से राहत मिल सकती है।
प्रसन्न होंगे देवी-देवता
हिंदू धर्म में सुबह की पहली रोटी गाय को खिलाने का विधान है। सनातन मान्यताओं के अनुसार, गाय में 33 कोटी देवी-देवताओं का वास माना गया है। ऐसे में यदि आप रोजाना गाय को रोटी खिलाते हैं, तो इससे देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति के घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती।
शनि दोष से मिलेगा छुटकारा
यदि आप शनिवार या अमावस्या के दिन गाय को रोटी के साथ खीर खिलाते हैं, तो इससे आपको शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती से राहत मिल सकती है। साथ ही रोटी के इस उपाय को करने से जीवन में सुख-समृद्धि का भी वास बना रहता है।
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दूर होगी राहु-केतु की समस्या
यदि आप राहु-केतु के प्रभाव के प्रभाव से पीड़ित हैं, तो इसके लिए आप रोटी से जुड़ा ये उपाय कर सकते हैं। इसके लिए रोटी पर सरसों का तेल लगाकर किसी काले कुत्ते को खिलाएं। ऐसा करने से राहु से जुड़ी समस्याओं में आपको लाभ देखने को मिल सकता है। वहीं रोटी को दूध में डालकर कुत्ते को खिलाने से आपको केतु के बुरे प्रभाव से राहत मिल सकती है।
मिल सकते हैं कई लाभ
रोटी पर चीनी डालकर चीटियों के लिए डाल सकते हैं। इससे देवी-देवात प्रसन्न होते हैं, जिससे व्यक्ति को धन संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। इसके साथ ही रोजाना रोटी के छोटे-छोटे टुकड़े करके पक्षियों को खिलाने चाहिए। ऐसा करने से जातक को जीवन में आ रही कई समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।