Rudraksha Mala: रुद्राक्ष की माला को धारण करते समय इन बातों का रखें ध्यान, प्राप्त होगी भगवान शिव की कृपा
धार्मिक मान्यता के अनुसार रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न हुआ है। इसलिए इसकी माला को लोग धारण करते हैं जिससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में कई तरह के शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। रुद्राक्ष की माला को धारण करते समय नियमों का पालन करना बेहद आवश्यक होता है। आइए जानते हैं रुद्राक्ष की माला को धारण करने के नियम के बारे में।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Rudraksha Mala Niyam in Hindi: सनातन धर्म में रुद्राक्ष को अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। ज्योतिष शास्त्र में रुद्राक्ष पहनने के कई फायदे बताए गए हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न हुआ है। इसलिए इसकी माला को लोग धारण करते हैं, जिससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में कई तरह के शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। रुद्राक्ष की माला को धारण करते समय नियमों का पालन करना बेहद आवश्यक होता है। इन नियमों का पालन न करने से इंसान को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
इन जगहों पर न पहनकर जाएं रुद्राक्ष की मालारुद्राक्ष की माला को धारण कर शमशान घाट या किसी मृत्यु वाली जगह पर नहीं जाना चाहिए। अगर आपको इन जगहों पर जाना है, तो रुद्राक्ष की माला को निकाल कर जाना चाहिए। इसके अलावा महिलाओं को मासिक धर्म में रुद्राक्ष की माला धारण नहीं करनी चाहिए। माला को गंगाजल या जल की मदद से साफ करनी चाहिए, जिससे उसकी पवित्रता बनी रहे।
इस दिन धारण करें रुद्राक्ष की मालाअगर आप रुद्राक्ष की माला को धारण करना चाहते हैं, तो इसके लिए अमावस्या, पूर्णिमा, श्रावण सोमवार और शिवरात्रि के दिन को बहुत ही शुभ माना गया है। माला पहनने से पहले दूध और सरसों के तेल से अच्छी तरह साफ करना चाहिए। धारण करते समय ओम नमः शिवाय मंत्र का जप अवश्य करें।
इन बातों का रखें ध्यान
- रुद्राक्ष को पवित्र माना गया है। इसलिए इसको अशुद्ध हाथों से नहीं छूना चाहिए। स्नान के बाद रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
- खुद की रुद्राक्ष की माला को किसी और नहीं देनी चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है।
- रुद्राक्ष को काले धागे में नहीं पहनना चाहिए। इसको आप लाल या फिर पीले धागे में धारण कर सकते हैं।