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Rudraksha Niyam: यहां पहनकर कभी न जाएं रुद्राक्ष, हो सकता है भारी नुकसान

Rudraksha Niyam in Hindi विज्ञान से लेकर ज्योतिष शास्त्र में रुद्राक्ष पहनने के कई फायदे बताए गए हैं। 1 से लेकर 14 मुखी रुद्राक्ष होते हैं जिन्हें धारण करने का अपना-अपना महत्व है। लेकिन कुछ ऐसे स्थान भी बताए गए हैं जहां पर रुद्राक्ष धारण करके कभी भी नहीं जाना चाहिए वरना व्यक्ति को इसके नकारात्मक परिणाम झेलने पड़ते हैं।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Sat, 25 Nov 2023 10:31 AM (IST)
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Rudraksha Niyam in Hindi इन जगहों पर पहनकर नहीं जाना चाहिए रुद्राक्ष।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Benefits of Rudraksha: सनातन धर्म में रुद्राक्ष को बहुत ही पवित्र माना गया है। इसलिए कई लोग इसकी माला भी धारण करते हैं। रुद्राक्ष पहनने पर व्यक्ति को कई लाभ मिलते हैं, लेकिन इसे धारण करने के कुछ नियम भी बताए गए हैं। जिनका ध्यान रखना जरूरी है, वरना इसके विपरीत परिणाम भी मिल सकते हैं।

ऐसे उत्पन्न हुआ रुद्राक्ष

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न हुआ है। यही कारण है कि हिंदू धर्म में रुद्राक्ष को इतना महत्व दिया जाता है। माना जाता है कि रुद्राक्ष धारण करने वाले पर शिव जी की कृपा सदैव बनी रहती है।

यहां न पहने रुद्राक्ष

रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को कभी भी शमशान घाट या किसी मृत्यु वाली जगह पर नहीं जाना चाहिए। यदि ऐसे स्थान पर जाना भी पड़े तो इससे पहले धारण किए हुए रुद्राक्ष को निकाल देना चाहिए।

रात को सोते समय

रात को सोने से पहले भी रुद्राक्ष को निकाल देना चाहिए, क्योंकि माना जाता है कि सोते समय हमारा शरीर शुद्ध नहीं होता और रुद्राक्ष धारण करने के लिए शुद्धता की आवश्यकता होती है।

बच्चे के जन्म पर

घर में यदि किसी बच्चे का जन्म होता है तो उस समय पर भी रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए, क्योंकि बच्चे के जन्म के दौरान 1 महीने तक के समय को सूतर या सौवर कहा जाता है। इस दौरान पूजा-पाठ जैसे कार्य भी नहीं किए जाते।

रुद्राक्ष पहनकर न जाएं इस जगह

रुद्राक्ष को बहुत ही पवित्र माना जाता है। ऐसे में से कभी भी मांस-मदिरा वाले स्थान पर रुद्राक्ष धारण करके नहीं जाना चाहिए और न ही इसे पहनकर कभी शराब का सेवन करना चाहिए। ऐसा करने पर आपको विपरीत परिणाम झड़ने पड़ सकते हैं।

इस दिन कर सकते हैं धरण

रुद्राक्ष को धारण करने के लिए कुछ बहुत ही शुभ दिन माने गए हैं। आप अमावस्या, पूर्णिमा, श्रावण सोमवार और शिवरात्रि के दिन रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं, लेकिन रुद्राक्ष धारण करने से पहले उसे दूध और सरसों के तेल से अच्छी तरह साफ कर लेना चाहिए।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'