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Rudraksha Niyam: सावन में रुद्राक्ष धारण करने का बना रहे हैं मन, तो पहले जान लें ये बातें

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष पहनने से व्यक्ति को भगवान शिव की असीम कृपा की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही जीवन की कई समस्याओं का भी हल निकल आता है। ऐसे में यदि आप भगवान शिव के प्रिय माह यानी सावन में रुद्राक्ष धारण करने का मन बना रहे हैं तो इससे पहले कुछ नियमों को जान लेना बेहतर रहेगा।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 25 Jul 2024 05:38 PM (IST)
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Rudraksha Niyam रुद्राक्ष धारण करने के नियम। (Picture Credit: Freepik)

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। रुद्राक्ष का संबंध भगवान शिव से माना जाता है। इसे बहुत ही पवित्र माना गया है। जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, रुद्राक्ष यानी भगवान शिव के अश्रु, ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है। इसे धारण करना बहुत ही शुभ माना जाता है। लेकिन रुद्राक्ष धारण करने के लाभ तभी मिलते हैं, जब इससे संबंधित कुछ नियमों का ध्यान रखा जाए।

रुद्राक्ष पहनने के फायदे

ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष धारण करने से मन शांत रहता है और एकाग्रता बढ़ती है। नियमों के अनुसार, रुद्राक्ष धारण करने से नकारात्मकता भी दूर बनी रहती है और मन में बुरे विचार नहीं आते। यह भी माना जाता है कि रुद्राक्ष हानिकारक ग्रहों का प्रभाव से भी रक्षा करता है। इतना ही नहीं रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को भगवान शिव की कृपा भाग्य का पूरा साथ मिलता है।

धारण करने से पहले करें ये काम

रुद्राक्ष धारण करने से पहले इसे पंचामृत और गंगाजल से शुद्ध करना चाहिए। इसके बाद साफ कपड़े से पोछने के बाद रुद्राक्ष पर तिलक लगाएं और धूप दिखाएं। इसके बाद नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें और इसके बाद ही रुद्राक्ष धारण करें।

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इन बातों का रखें ध्यान

रुद्राक्ष को बहुत ही पवित्र माना जाता है, इसलिए इसे कभी भी अशुद्ध हाथों से नहीं छूना चाहिए। रुद्राक्ष को हमेशा विषम संख्या में धारण करें। यदि आप रुद्राक्ष की माला धारण करना चाहते हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि माला में 27 से कम रुद्राक्ष नहीं होने चाहिए। वरना व्यक्ति को शिव दोष लग सकता है। रुद्राक्ष पहनने वाले व्यक्ति को कभी भी मांसाहार और मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।